नई दिल्ली।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के नेता और महासचिव सीताराम येचुरी को तबियत बिगड़ने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। उनका आईसीयू में इलाज चल रहा है।पार्टी के केंद्रीय समिति कार्यालय से मुरलीधरन का बयान सामने आया है जिसमे उन्होंने बताया है कि उन्हें फेंफड़ों में संक्रमण के चलते सांस लेने में परेशानी हो रही है।
निमोनिया के कारण बिगड़ी तबीयत
डॉक्टरों को और से कहा गया कि निमोनिया के चलते संक्रमण बढ़ने के कारण उनकी ये हालत हुई। डॉक्टरों की एक टीम उनकी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है। बता दें कि 19 अगस्त को निमोनिया के कारण अचानक तबीयत बिगड़ने पर येचुरी को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। शुरुआत में उन्हें एम्स के इमरजेंसी विभाग के रेड जोन में भर्ती किया गया था। फिर तबीयत में सुधार न होने पर उनको अस्पताल के आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। तभी से उनका इलाज लगातार दिल्ली एम्स में चल रहा है।
सीताराम येचुरी की जीवनी पर एक नज़र
अगर सीताराम येचुरी की जीवनी पर नज़र डालें तो ये सीपीआईएम पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व राज्यसभा सांसद हैं। वह लंबे समय से पार्टी के महासचिव का पद संभाल रहे हैं। सीताराम येचुरी को 19 अप्रैल 2015 को पार्टी के महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। तब से वह इस पद पर बने हुए हैं। उन्हें वर्ष 2016 में राज्यसभा का सर्वश्रेष्ठ सांसद सम्मान से सम्मानित किया गया था। उनका जन्म चेन्नई में 12 अगस्त 1952 को हुआ था। 1969 में तेलंगाना में हुए आंदोलन के बाद वे दिल्ली आ गए। यहां डीयू के सेंट स्टीफन कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए करने के बाद उन्होंने जेएनयू से अर्थशास्त्र में बीए किया और उसके बाद पीएचडी में दाखिला लिया था. यहीं पर 1974 में वे स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया में शामिल हुए और छात्र राजनीति की शुरुआत की. हालांकि, 1977 में इमरजेंसी के दौरान गिरफ्तार होने के बाद वह अपनी जेएनयू से पीएचडी पूरी नहीं कर सके. 1984 को पहली बार उन्हें भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी से सांसद नियुक्त किया गया था। जेएनयू को वामपंथ का गढ़ बनाने में सीताराम येचुरी का महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है।