Sunday, March 16, 2025
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जब दुनिया कोरोना से जूझ रही थी, इन्होंने कर डाला 200 करोड़ का घोटाला…PWD अधिकारी सहित 3 गिरफ्तार

by Watan Kesari
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नई दिल्ली।

कोरोना काल में टेंडर के फर्जी बिल पास कर 200 करोड़ का बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है।इस घोटाला में जांच के बाद पीडब्ल्यूडी अधिकारी समेत 3 को गिरफ्तार कर लिया गया है।ज्ञात हो कि कोराना काल में हुए 200 करोड़ रुपये के घोटाले पर एन्टी करप्शन ब्यूरो ने बड़ा एक्शन लिया है। एसीबी ने इस मामले की जांच करते हुए पीडब्ल्यूडी अधिकारी और 2 प्राइवेट फर्म के मालिकों को गिरफ्तार किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 

एन्टी करप्शन ब्यूरो ने कोरोना काल के दौरान 200 करोड़ रुपये के एक बड़े घोटाले का खुलासा किया है। इस घोटाले के आरोप में एसीबी ने एक रिटायर्ड एडीजी (पीडब्ल्यूडी)और 2 प्राइवेट फर्म के मालिकों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने कोरोना के दौरान इन प्राइवेट फर्म को बिना काम किए और अधूरे काम के करोड़ों रुपये के फर्जी बिल पास किए हैं। 

प्राइवेट कंपनियों द्वारा लगाए गए बिलों में बड़े पैमाने पर अनियमितता देखी गईं हैं। पैसों के लालच ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने इन प्राइवेट फर्म के इन फर्जी बिलों को पास कर दिया है। दरअसल, कोविड के दौरान पीडब्ल्यूडी की तरफ से दिल्ली के 8 अस्पतालों को अलग-अलग काम के लिए टेंडर दिए गए हैं। दिल्ली के इन अस्पतालों में एलएनजेपी, जीटीबी, बीएसए, जीबी पंथ व अन्य शामिल हैं। 

इन सभी में काम की एवज में इन प्राइवेट फर्म की तरफ से बड़ी संख्या के करोड़ों रुपये के फर्जी बिल लगाए गए, जिन्हें कमीशन के आधार पर सरकारी अधिकारियों ने पास कर दिया। गिरफ्तार आरोपी रिटायर्ड पीडब्ल्यूडी एडीजी अनिल कुमार आहूजा ने अपने कार्यकाल में 10 आरोपी कंपनियों में से 56 को गलत तरीके से टेंडर जारी किए हैं।

ये तमाम कंपनियां और ठेकेदार काम के लिए खरीदे गए सामान के बिल मुहैया नहीं कर पाए। ये सभी बिल काम पूरा होने के 4 से 6 महीने बाद बनवाये गए। बाद में जांच के दौरान पता चला कि कंपनियों द्वारा जारी किये गए बिल फर्जी थे यानी दिए गए टेंडर के लिए सामान खरीदा ही नहीं गया था। जांच में पता चला कि टेंडर के नियमों और जीएसटी नॉर्म्स का उलंग्घन किया गया है।

जांच में ये भी पाया गया कि एक ही दिन में इन प्राइवेट कंपनियों से काम के बदले कोटेशन मंगवाए गए। टेंडर की बोली लगाई गई और बिड में बिना अंतर देखे एक निर्धारित कंपनी को टेंडर दे दिया गया, जो कि एक दिन में सभव नहीं है।रिटायर्ड एडीजी (पीडब्ल्यूडी )अनिल कुमार आहूजा और एक प्राइवेट फर्म मैसर्स एवी एंटरप्राइज के बीच सवा करोड़ रुपये की ट्रांसजेक्शन ट्रैक की गई। एवी एंटरप्राइज ने 5 दिसंबर 2020 को अनिल कुमार आहूजा की बेटी के अकाउंट में भी 6 लाख रुपये ट्रांसफर किये हैं। कुल 200 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा किया गया है।

इस घोटाले में अभी तक रिटायर्ड एडीजी अनिल कुमार आहूजा, मैसर्स एवी एंटरप्राइज के मालिक विनय कुमार और मैसर्स विवेक एसोसिएट्स के मालिक अक्षितिज विरमानी को गिरफ्तार किया है।

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