नई दिल्ली।
JNU UPDATE:- जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में अगले सत्र से जैन, हिन्दू और बौद्ध धर्म के स्टडी सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए यूनिवर्सिटी की एक्जीक्यूटिव काउंसिल ने मंजूरी दे दी है। इस संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। तीनों अध्ययन केंद्र (स्टडी सेंटर) संस्कृत एवं प्राच्य विद्या अध्ययन संस्थान के तहत स्थापित किए जाएंगे। इनमें स्नातकोत्तर (पीजी) कोर्स संचालित किए जाएंगे। साथ ही इनमें पीएचडी भी की जा सकेगी।
JNU प्रशासन बोला:
विश्वविद्यालय ने कहा है कि इस साल दाखिले के लिए सीयूईटी पीजी की परीक्षाएं हो चुकी हैं। इसलिए इन नए केंद्रों में अगले सत्र से परीक्षा देने वाले छात्र यहां दाखिला ले पाएंगे। शुरुआत में तीनों केंद्रों में 20-20 सीटें होंगी। इसके बाद इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी।
हिन्दू अध्ययन के विषय:
ब्रजेश कुमार पांडेय ने बताया कि, “हिंदू अध्ययन केंद्र के तहत प्राचीन भारतीय साहित्य, वेद, उपनिषद, गीता के भाग, ऐसी ज्योतिष विद्या जो भारतीय गणितीय पद्धति का प्रतिनिधित्व करती है. लीलावती, आर्यभट्ट, चरक और सुश्रुत की आयुर्वेद संहिता का अध्ययन कराया जाएगा. इसके साथ ही अर्थशास्त्र की तंत्रयुक्ति, मीमांसा का अधिकरण, भारतीय प्रबंधन, पाणिनी और वाद परंपरा, शास्त्रार्थ की विधियां, अर्थ निर्धारण, शक्ति व प्रकृति का सिद्धांत, सौंदर्य लहरी, कश्मीर का शैव दर्शन, आयुर्विज्ञान, विधि शास्त्र इसके पाठ्यक्रम में शामिल हैं. विशेष रूप से सिख ज्ञापन परंपरा को इसके पाठ्यक्रम में रखा गया है, उनके पद्य भी पढ़ाए जाएंगे।
बौद्ध अध्ययन के विषय:
बौद्ध अध्ययन केंद्र में मूल साहित्य त्रिपिटक, पाली व्याकरण, थेरवाद या स्थिरवाद, बौद्ध दर्शन के प्रमुख दार्शनिक सिद्धांत, क्षणिकवाद, चार शाखाओं के सिद्धांत, शून्यवाद और बौद्ध धर्म में मोक्ष की अवधारणा को इसके पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाएगा।
जैन अध्ययन के विषय:
जैन अध्ययन केंद्र में जैन तत्व मीमांसा, कर्म सिद्धांत, पुर्नजन्म सिद्धांत, जैन गणितीय पद्धति और ज्योतिष, प्राकृत भाषा का इतिहास एवं व्याकरण, सम्यक दर्शन, पंच महाव्रत और जैन तीर्थंकरों का इतिहास इसके पाठ्यक्रम में शामिल होगा।