नई दिल्ली।
Saket Gokhale vs Hardeep Singh Puri :- केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी व उनकी पत्नी लक्ष्मी पुरी के खिलाफ ट्वीट के मामले में TMC सांसद साकेत गोखले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यही नहीं जस्टिस अनूप जयराम भांभानी की बेंच ने साकेत गोखले को यह भी निर्देश दिया कि वो एक अंग्रेजी अखबार में इस संबंध में अपना माफीनामा भी छपवाएं।
ट्वीट में लगाए थे ये आरोप:
हरदीप सिंह पुरी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा था कि साकेत गोखले ने उनके क्लाइंट के आय का स्रोत पूछते हुए ट्वीट किया।
सिंह ने बताया था कि साकेत गोखले ने मामले में कहा कि ‘आई वांट टू नो’। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को जांच करनी चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया था कि 2006 में पुरी डेपुटेशन पर जेनेवा राजदूत थे। उस समय उनकी सैलरी साढ़े दस लाख रुपये ती तो उन्होंने डेढ़ करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी जेनेवा में कैसे खरीदी। ये काले धन से खरीदी गई। मनिंदर सिंह ने कहा था कि हरदीप सिंह पुरी के पास जो भी संपत्ति है वो सार्वजनिक है। उनकी संपति ढाई मिलियन से घटकर डेढ़ मिलियन तक पहुंच गई है।
मनिंदर सिंह ने कहा था कि जब इसे लेकर साकेत गोखले को लीगल नोटिस भेजा गया तो उन्होंने कहा था कि किसी के बारे में लिखने से पहले उसका पक्ष भी जानना चाहिए। याचिकाकर्ता को चोर, लुटेरा कहा गया. उस ट्वीट के बाद सैकड़ों कमेंट्स आए। ऐसे में उन्होंने साकेत गोखले से पांच करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर देने के दिशानिर्देश देने की मांग की थी।
कोर्ट में पहले ही दिया था ट्वीट हटाने का आदेश:
दरअसल, लक्ष्मी पुरी ने 2021 में याचिका दायर की थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने साकेत गोखले को निर्देश दिया था कि वे 24 घंटे के अंदर लक्ष्मी पुरी और हरदीप सिंह पुरी के खिलाफ किए गए अपमानजनक ट्वीट्स हटाएं। वहीं, हाईकोर्ट ने ट्विटर को भी निर्देश दिया था कि अगर साकेत गोखले ट्वीट्स नहीं हटाते हैं तो वो उन ट्वीट्स को हटाएं। साथ ही कोर्ट ने साकेत गोखले को निर्देश दिया था कि वे लक्ष्मी पुरी और हरदीप सिंह पुरी के खिलाफ कोई ट्वीट नहीं करेंगे।