Sunday, March 16, 2025
Home Breaking-News किताबें जल सकती हैं- ज्ञान नहीं : पीएम मोदी

किताबें जल सकती हैं- ज्ञान नहीं : पीएम मोदी

by Watan Kesari
0 comment

Nalanda University inauguration 2024 :पीएम ने किया नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का उद्घाटन, लगाया बोधि वृक्ष

नालंदा।

Nalanda University inauguration 2024 :- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PRIME MINISTER NARENDRA MODI) ने बुधवार को बिहार के राजगीर पहुंचकर नालंदा विश्वविद्यालय (NALANDA UNIVERSITY) के नए कैंपस का उद्घाटन किया। ये नया कैम्पस प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के पास ही बनाया गया है। इस कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर और आसियान देशों के प्रतिनिधियों समेत 17 देशों के राजदूत भी शामिल हुए। इस दौरान बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (NITISH KUMAR) भी प्रधानमंत्री के साथ कार्यक्रम में शामिल रहे।

नालंदा नाम नहीं बल्कि गौरव है: पीएम मोदी

उद्घाटन के दौरान अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शपथ ग्रहण के दस दिनों के भीतर ही नालंदा आने का मौका मिला है। नालंदा एक नाम नहीं बल्कि गौरव है,सत्य का उद्घोष है। दुनिया की दृष्टि भारत पर है, युवाओं पर है। दुनिया इस देश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहती है। भारत(INDIA) कहता है कि वन फैमली वन फ्यूचर तो दुनिया साथ में खड़ा होता है। भारत के आह्वान को दुनिया स्वीकार करती है। नालंदा के विद्यार्थियों का दायित्व और ज्यादा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नीतीश जी ने सरकार की तरफ से पूरी मदद का आह्वान किया है, इसके लिए हम उन्हें बधाई देते हैं। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय भारत के सामर्थ्य का परिचय देगा। नालंदा केवल भारत के अतीत का पुनर्जागरण नहीं है, इसमें विश्व और एशिया (AISA) के कितने ही देश की विरासत जुड़ी हुई है। किताबों को जलाया जा सकता है ,ज्ञान को नहीं। विश्वविद्यालय कैंपस के उद्घाटन समारोह में इतने देश का उपस्थित रहना यह अपने आप में अभूतपूर्व है। नालंदा विश्वविद्यालय के पुनर्निर्माण में मेरे साथी देश की भागीदारी रही है। मैं इस अवसर पर भारत के सभी मित्र देशों का अभिनंदन करता हूं। मैं बिहार के लोगों को भी बधाई देता हूं। बिहार अपने गौरव को वापस लाने के लिए जिस तरह विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है, नालंदा का यह कैंपस उसी की एक प्रेरणा है। 

नालंदा विश्वविद्यालय में बोधि वृक्ष लगाते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि नालंदा कभी भारत की परंपरा और पहचान का जीवंत केंद्र हुआ करता था । नालंदा का अर्थ है,” जहां शिक्षा के ज्ञान के दान का अविरल प्रवाह हो” शिक्षा को लेकर यही भारत की सोच रही है। शिक्षा सीमाओं से परे है। नफा नुकसान के नजरिए से भी परे है, शिक्षा ही हमें विचार देती है। प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय में बच्चों का नामांकन उनकी पहचान और राष्ट्रीयता को देखकर नहीं होता था। हर देश के युवा यहां आते थे। अब इस नए कैंपस में इस प्राचीन व्यवस्था को आधुनिक रूप में मजबूती देनी है। मुझे यह देखकर खुशी हो रही है की दुनिया के कई देशों के स्टूडेंट आने लगे हैं। नालंदा में 20 से ज्यादा देशों के छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। आने वाले समय में नालंदा विश्वविद्यालय कल्चरल एक्सचेंज (CULTURAL EXCHANGE) का एक प्रमुख केंद्र बनेगी । भारत में शिक्षा मानवता के लिए योगदान का एक माध्यम मानी जाती है।  

नालंदा यूनिवर्सिटी में हैं ये सुविधाएं:

बिहार में नव निर्मित नालन्दा विश्विद्यालय

राजगीर के अंतरराष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस में कुल 24 बड़ी इमारतें हैं। परिसर में 40 कक्षाओं वाले दो शैक्षणिक ब्लॉक हैं, जिनकी कुल बैठने की क्षमता लगभग 1900 है। इसमें 300 सीटों की क्षमता वाले दो सभागार हैं।  इसमें लगभग 550 छात्रों की क्षमता वाला एक छात्र छात्रावास है। इसमें अंतरराष्ट्रीय केंद्र, 2000 व्यक्तियों तक की क्षमता वाला एम्फीथिएटर, फैकल्टी क्लब और खेल परिसर सहित कई अन्य सुविधाएं भी हैं। यह परिसर एक ‘नेट जीरो’ ग्रीन कैंपस है। यह सौर संयंत्र, घरेलू और पेयजल शोधन संयंत्र, अपशिष्ट जल के पुन: उपयोग के लिए जल पुनर्चक्रण संयंत्र, 100 एकड़ जल निकाय और कई अन्य पर्यावरण अनुकूल सुविधाओं के साथ आत्मनिर्भर रूप से कार्य करता है।

You may also like

Leave a Comment

Our Company

“हमारा न्यूज़ पोर्टल ताज़ा ख़बरों, उत्तेजक रिपोर्ट्स और गहराई से लिखे लेखों का एक संग्रह है। हम आपको जानकारी से लैस, विचारशीलता से भरपूर और समर्थनीय पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं। हम आपके लिए सत्यता, विश्वासनीयता और गुणवत्ता को प्राथमिकता देते हैं।”

Laest News

@2024 – All Right Reserved. Designed and Developed by KGS Groups