Sunday, March 16, 2025
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भजनलाल सरकार का आदेश- पिछले 5 साल में हुई भर्तियों की होगी जांच

by Watan Kesari
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अलवर।


राजस्थान विधानसभा 2023 के चुनाव के बाद जनवरी माह में भजनलाल शर्मा के नेतृत्व नवगठित सरकार बनने के बाद से अपने वायदों के अनुरूप युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले  पेपर लीक गिरोह व भर्ती में धांधली करने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। भजनलाल सरकार द्वारा उठाए गए कठोर कदमों ने न कवल पेपर लीक माफिया की कमर तोड़ी बल्कि भर्ती परीक्षा में ट्रांपेरेंसी हेतु जो निर्णय लिए है उससे युवाओं में नए उत्साह का संचार हुआ है।

एसओजी द्वारा जिस प्रकार फर्जी अभ्यर्थियों व पेपर लीक गिरोह की धरपकड की गई व अब एसआईटी को भी शामिल किया गया है। विगत सरकार के समय हुई पुलिस उप निरीक्षक भर्ती में नकल करके नियुक्त होने वाले अभ्यर्थियों को वर्तमान सरकार द्वारा टीम गठित कर उनके ट्रैनिंग पिरियड के दौरान ही दबोच कर उनकी ट्रेनिंग को रद्द करके कानूनी कार्रवाई की है।

जांच से होगा दूध का दूध और पानी का पानी:

लोकसभा चुनाव के तत्काल बाद राजस्थान की भजनलाल सरकार ने युवाओं के हित में बड़ा निर्णय लेते हुए पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय सरकारी विभागों में हुई भर्तियों की जांच करवाने का निर्णय लिया है जिनमें पिछले 5 साल में सभी भर्तियों के चयनित कार्मिकों के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच की जाएगी। इन 5 सालों के दौरान विभिन्न विभागों में करीब ढाई लाख भर्तियां हुई हैं वो सभी जांच के दायरे में रहेगी। राजस्थान में 2019 के बाद से हर साल औसतन तीन पेपर लीक हुए हैं। इससे लगभग 50 लाख अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड हुआ। पुलिस जांच में यह पाया गया कि लीक हुए प्रश्नपत्र 5 से 15 लाख रुपये में बिके है जो ये पेपर नहीं बल्कि युवाओं के सपनों बेचने जैसा कृत्य था। अब युवाओं में भजनलाल सरकार के कडे फैसलों से न्याय की किरण नजर आने लगी है।

अब हर विभाग में एक इंटरनल कमेटी बनाए जाने के निर्देश दिए हैं जिससे दूध का दूध और पानी का पानी सामने आएगा। प्रदेश के दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों एवं छोटे कस्बों से अपने घर को छोडकर जयपुर, कोटा व अन्य शहरों में कोचिंग कर रहे बडी संख्या में युवा अपने माता-पिता के सपनों को साकार करने एवं अपना भविष्य संवारने के लिए अपने माता-पिता की गाढी कमाई का पैसा भर्तियों व कोचिंगों की फीस में भरकर अध्ययन करते हैं दिन-रात पढाई करने के बाद भी चिटिंग के कारण सफल नहीं होने पर बडी संख्या में युवा निराशा, हताशा एवं डिप्रेसन के शिकार होने के साथ-साथ अपने आपको ठगा हुआ महसूस करने लगे थे। उन्हें अब उम्मीद जगी है कि पेपर माफिया व फर्जीवाडा सामने आएगा और मेहनती युवाओं का भविष्य सुरक्षित हो सकेगा।

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