नई दिल्ली।
सुबह हो या शाम , दिल्ली के विभिन्न चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस बैरिगेटिंग कर चेकिंग अभियान की खानापूर्ति में व्यस्त दिख ही जाती है। फिर भी इतनी मुस्तैद पुलिस के बाद राजधानी की सड़कों पर काले शीशों वाली गाड़ियों की भरमार है। हालात ये हैं कि शाम होते ही ऐसी गाड़ियां अपना टशन दिखाने निकल पड़ती हैं।
बेख़ौक और बेअन्दाज ऐसे टशनबाज़ कभी लड़कियों को परेशान करते हैं , तो कभी कानून को धता बता रील बनाते हैं । लेकिन इन पर न तो किसी ट्रेफिककर्मी की नज़र पड़ती है और न ही पुलिसिया गश्त इनके आड़े आती है। छोटी मोटी घटनाएं रोजाना होती रहती हैं, लेकिन कानून किसी बड़ी वारदात की बाट में बैठा होता है।
राजधानी निर्भया से लेकर गुड़िया जैसी कितनी घटनाओं की गवाह रह चुकी है , लेकिन ऐसे टशनबाज़ों का रसूख और बेअंदाज़ी कानून को ठेंगा दिखाता राजधानी की सड़कों पर फर्राटा भर रहा है। ज़रूरत है कि विभाग विशेष अभियान चलाए और इन्हें सबक सिखाए।