महेन्द्रगढ़।
महेंद्रगढ़ स्थित माता चिल्ला देवी मंदिर के पास रविवार रात को बाघ देखा गया। मंदिर के पुजारी ने इसकी सूचना लोगों को दी तो पूरे क्षेत्र में दहशत।फैल गई। लोगों ने वन्य जीव कल्याण बोर्ड को इसकी जानकारी दी, लेकिन अब तक कोई पहुंचा नहीं। मंदिर में लगे सीसीटीवी में बाघ की चहलकदमी कैद हुई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, महेंद्रगढ़ के गांव खुड़ाना में अरावली की पहाड़ियां हैं। इन पहाड़ियों में जंगली जानवर जैसे लोमड़ी, हिरन, खरगोश, आदि रहते हैं,लेकिन इन पहाड़ियों में कभी बाघ, शेर या चीता नहीं देखा गया। करीब 55-60 साल पहले पहाड़ी में एक चीता देखा गया था, जिसे प्रशासन ने पकड़ लिया था।
उसके बाद अब बीती रात को बाघ देखा गया है। गांव खुडाना की पहाड़ी स्थित माता चिल्ला देवी मंदिर के पुजारी अशोक ने इसकी सूचना ग्रामीणों को दी। मंदिर से बाघ बत्तख मारकर ले गया। यहां पुजारी ने उन्हें पाल रखा था।
गांव खुडाना के पूर्व सरपंच नरेंद्र कुमार ने बताया कि माता के मंदिर में पुजारी अशोक रहते हैं। पुजारी ने वहां बत्तख पाली हुई हैं। सुबह पुजारी को एक बतख गायब मिली तो उन्होंने सीसीटीवी चेक किया। रात की
घटना को देखकर वह अचंभित हो गए। सीसीटीवी फुटेज में बाघ दिखा। इसकी सूचना उन्होंने सरपंच को दी। तब ग्रामीणों को पता चला। इससे पूरे गांव में डर का माहौल पैदा हो गया। पूर्व सरपंच ने बताया कि जब वह 15 साल के थे तब एक चीता इस पहाड़ी से पकड़ा गया था। उसके बाद कभी इन पहाड़ियों में कोई बाघ, आदि कभी नहीं देखा गया। उन्होंने बताया कि इसकी सूचना वन्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड को सूचना दी थी, जो अभी तक नहीं पहुंचे हैं। उन्होंने प्रशासन से बाघ को पकड़वाने की मांग की है।