नई दिल्ली।
लोकसभा चुनावों के परिणाम के बाद भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस भले ही बहुमत का जादुई आंकड़ा न छुआ हो, लेकिन मंगलवार को दोनों हजे पार्टियों के दफ्तरों पर जबरदस्त जश्न का माहौल था। क्योंकि दोनों ही पक्षों को अपनी अपनी जीत का पूर्ण विश्वास था,लिहाजा दोनों ही पार्टी के मुख्यालय सुबह से ही चहल-पहल से भरे थे। मिठाईयां बनाई जा रही थीं, ढोल नगाड़ों का पूरा इंतज़ाम था। दोपहर होते होते रुझान आने लगे और कार्यकर्ताओं की भीड़ दोनों ही तरफ बढ़ने लगी।
50 हज़ार लोगों के लिए थी खाने की व्यवस्था:

बताया जा रहा है कि चुनावी रुझानों के साथ साथ डीडीयू मार्ग स्थित भाजपा मुख्यालय में शंखनाद शुरू हुआ। ‘भारत माता की जय’ और ‘मोदी है तो मुमकिन है’ जैसे नारों से आस पास का पूरा इलाका गूंज गया। जिधर भी देखो ढोल और बैंड की आवाज थी। भगवा और भाजपा के झंडे लहरा रहे थे। कार्यकर्ता ढोल नगाड़ों की थाप पर झूमते-थिरकते दिखे। बताया जा रहा है यहां लगभग 50 हज़ार लोगों के भोजन की भी व्यवस्था की गई थी। कार्यकर्ताओं ने मिठाई खिलाकर एक-दूसरे का मुंह मीठा किया। यहां जश्न के कई रंग नज़र आए।

कांग्रेस मुख्यालय पर भी जश्न:

ऐसा ही कुछ हाल अकबर रोड स्थित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के मुख्यालय में हर्ष का माहौल दिखा। कांग्रेस कार्यकर्ता ढोल की ताल पर झूमते नजर आए। यहां मौजूद कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह प्यार-मोहब्बत की जीत है। इस खास मौके पर मुख्यालय के बाहर पटाखे फोड़े गए। यहां जश्न मनाते और मिठाई बांटते पार्टी के कार्यकर्ताओं से दिखाई दिए। रुझानों और नतीजों के बाद जश्न का माहौल और बढ़ता नजर आया। इसी के साथ राहुल गांधी जिंदाबाद के नारों से गूंजे। यहां भी लोग यहां कांग्रेस के चिन्ह के कपड़े, झंडे लेकर पहुंचे थे। नाचते गाते कार्यकर्ता हाथों में कांग्रेस का झंडा लेकर फहरा रहे थे और प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी जिंदाबाद के नारे लगाकर जश्न मना रहे थे।
आप दफ्तर में रहा सन्नाटा :

लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर जहां भाजपा व कांग्रेस मुख्यालय में सुबह से भी कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा रहा। वहीं, यहां से कुछ ही दूरी पर स्थित आम आदमी पार्टी (आप) मुख्यालय सूना पड़ा रहा है। यहां न जश्न की कोई तैयारी दिखी, न ही किसी तरह साज-सज्जा। न फूल व गुब्बारें लगे दिखे। ऐसे में चुनाव के रुझान आने से पहले भी जश्न फीका नजर आया। हर तरफ सन्नाटा छाया रहा। पार्टी मुख्यालय में नेता तो दूर कार्यकर्ताओं की भी चहल कदमी नहीं दिखी।