Monday, March 17, 2025
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आज भारत-फ्रांस की इस डील से छूट जाएंगे पाकिस्तान और चीन के पसीने

by Watan Kesari
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वतन केसरी डेस्क।

भारत और फ्रांस के बीच 26 राफेल समुद्री लड़ाकू विमानों के लिए 50 हजार करोड़ रुपए की डील पर आज 30 मई को भारत में मीटिंग होनी है। इस मीटिंग में दो फ्रांसिसी कंपनियों के अधिकारियों के अलावा वहां के सरकारी अधिका​री भी शामिल होंगे। जबकि दूसरी ओर भारत के रक्षा मंत्रालय और नौसेना के अधिकारी भी इस बैठक में शामिल हो सकते हैं। 

मीटिंग में कौन होंगे शामिल:

सूत्रों की माने तो फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल भारतीय नौसेना के लिए फाइटर जेट डील पर आधिकारिक बातचीत करने के लिए भारतीय रक्षा मंत्रालय के समकक्षों से मुलाकात करेगा। बताया जा रहा है कि फ्रांसीसी टीम में डसॉल्ट एविएशन और थेल्स सहित फ्रांस के रक्षा मंत्रालय और इंडस्ट्री के अधिकारी शामिल होंगे। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में रक्षा मंत्रालय की ओर से खरीद करने वाली डिफेंस एक्युजिशन विंग और भारतीय नौसेना के सदस्य शामिल होंगे। 

पूरी स्टडी के साथ होगा नेगोसिएशन :

फ्रांस ने भारतीय नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य के लिए 26 राफेल मरीन जेट खरीदने के टेंडर पर दिसंबर में ही अपनी प्रतिक्रिया दे दी थी। अधिकारियों के अनुसार भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने इस डील के लिए फ्रांसीसी बिड की डिटेल स्टडी की है। इसमें कमर्शियल ऑफर या विमान की कीमत के साथ-साथ कान्ट्रैक्ट की दूसरी डिटेल भी शामिल हैं। खबर है कि भारत अब फ्रांसीसी सरकार के अधिकारियों के साथ टफ नेगोशिएशन करेगा क्योंकि ये डील सरकार से सरकार के बीच होने वाली है। 

बढ़ेगी भारत की ताकत:

इस फाइटर जेट के आने के बाद भारतीय विमानवाहक युद्धपोतों पर तैनात MiG-29K फाइटर जेट्स को सपोर्ट मिलेगा। उन पर मौजूद प्रेशर कम होगा। भारत इस डील में फ्रांस से 22 सिंगल सीटर फाइटर जेट और चार डबल सीटर फाइटर जेट खरीदेगा। डबल सीटर फाइटर जेट ट्रेनिंग के लिए काम आएंगे। 

चीन की ताकत:

जानकारों की माने तो दक्षिण एशिया की बात करें तो भारत और चीन के अलावा किसी अन्य देश के पास एयरक्राफ्ट कैरियर नहीं है। चीन के एयरक्राफ्ट कैरियर पर तीन तरह के मल्टीरोल फाइटर जेट तैनात हैं। पहला जे-10, दूसरा जे-15 और तीसरा सुखोई -30

राफेल के आगे सब फेल:

आंकड़ों के अनुसार जे-10 जेट 55.5 फीट लंबा, जे-15 जेट 73.1 फीट और सुखोई-30 जेट 72 फीट लंबा है। जबकि राफेल-एम 50.1 फीट लंबा है। चीन का जे-10 फाइटर जेट को एक पायलट, जे-15 को 1 या 2 और सुखोई-30 को 2 पायलट मिलकर उड़ाते हैं। राफेल को 1 या 2 पायलट उड़ाते हैं।

वज़न:

 जे-10 का कुल वजन 14 हजार KG, जे-15 का 27 हजार KG और सुखोई-30 का 24,900 kg है. जबकि, राफेल का सिर्फ 15 हजार kg है। यानी हल्का है। 

फ्यूल कैपिसिटी:

चीन के जे-10 में 8950 लीटर की इंटर्नल फ्यूल कैपेसिटी है। जे-15 की 9500 लीटर और सुखोई-30 फाइटर जेट की 9400 लीटर फ्यूल कैपेसिटी है। राफेल-एम की फ्यूल कैपेसिटी करीब 11,202 kg है। यानी सभी फाइटर जेट से ज्यादा देर फ्लाई कर सकता है और ज्यादा देर तक डॉग फाइट में भाग ले सकता है। 

स्पीड:

जे-10 की अधिकतम गति 2205 किलोमीटर प्रतिघंटा , जे-15 की मैक्सिमम स्पीड 2963 प्रतिघंटा और सुखोई-30 की अधिकतम रफ्तार 2120 प्रतिघन्टा है। जबकि, राफेल-एम की अधिकतम गति 2205 प्रतिघन्टा है। 

रेंज:

जे-10 की रेंज 1240 km, जे-15 की 3500 और सुखोई-30 की 3000 km है जबकि, राफेल-एम की रेंज 3700 km है। जे-10 अधिकतम 59 हजार फीट, जे-15 फाइटर जेट 66 हजार फीट और सुखोई-30 करीब 57 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। जबकि राफेल-एम 52 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। 

मारक क्षमता:

चीन के जे-10 फाइटर जेट में 11 हार्डप्वाइंट्स हैं। यानी चार तरह के हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, 90 मिलिमीटर के अनगाइडेड रॉकेट्स, 23 mm की गन और चार तरह के बम लगा सकते हैं। जे-15 फाइटर जेट में 12 हार्डप्वाइंट्स हैं। जिनमें 9 तरीके के हथियार लगा सकते हैं। इसमें 30 mm की गन होती है। सुखोई-30 में 12 हार्डप्वाइंट्स हैं। तीन तरह के रॉकेट्स, चार तरह की मिसाइलें और 9 तरह के बम या इनका मिश्रण लगा सकते हैं। इसमें 30 mm की गन है। जबकि, राफेल-एम में 30 mm की ऑटोकैनन गन लगी है। इसके अलावा 14 हार्डप्वाइंट्स हैं। इसमें तीन तरह के हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, हवा से सतह पर मार करने वाली सात तरह की मिसाइलें, एक परमाणु मिसाइल या फिर इनका मिश्रण लगा सकते हैं।

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