नई दिल्ली।
दिल्ली में वाहन चोरी का एक अजब मामला सामने आया है, जब एक युवक ने अपना कर्ज चुकाने के लिए गाड़ियां चोरी करना शुरू कर दिया। चौंका देने वाली बात ये है कि उसने किराए पर क्रेन लेकर बाकायदा ट्रैफिक पुलिस बनकर लोगों की गाड़ियां उठानी शुरू कर दीं। अब पुलिस ने मास्टरमाइंड सहित स्क्रैप डीलर भी गिरफ्तार कर लिए हैं।
डीसीपी साउथ वेस्ट रोहित मीणा ने बताया कि वसंत कुंज इलाके में शिकायत मिली कि एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी कोई वाहन ले गया, लेकिन बाद में वो वहां थाने में भी नहीं मिला। इसके बाद पुलिस ने एक टीम बनाकर छानबीन शुरू की । जांच में पता चला कि उक्त वाहन कंझावला में एक स्क्रैप डीलर के पास है। पुलिस ने पहचान करने के बाद जब क्रेन के ड्राइवर को पकड़ा तो पता चला कि एक युवक ने खुद को ट्रैफिक पुलिसवाला बताकर क्रेन बुक की थी। इसके बाद पुलिस टीम ने कंझावला इलाके में छापा मारा और महेंद्र को गिरफ्तार कर लिया। महेंद्र के गोदाम से दिल्ली पुलिस को कार की सिर्फ बॉडी मिली, क्योंकि उसने इसके पार्ट्स को अलग-अलग करके बेच दिया था।
पूछताछ में महेंद्र ने बताया कि यह गाड़ी उसके पास चोरी करके कुसुमपुर पहाड़ी के रहने वाले अजय ने बेची थी। इसके बाद पुलिस टीम कुसुमपुर पहाड़ी पहुंची और वहां से 29 साल के अजय को गिरफ्तार कर लिया। अजय के पास से पुलिस ने वह ट्रैफिक पुलिस की वर्दी भी बरामद कर ली, जिसको पहनकर वह सारेआम लोगों की गाड़ी उठा लिया करता था। पुलिस ने बताया कि अजय ही इस पूरे गैंग का मास्टरमाइंड है। एक चोर ट्रैफिक पुलिस की वर्दी पहन लेता था, दूसरा चोर वाहन टो करने वाली क्रेन का ड्राइवर बन जाता था और फिर ये सरेआम महंगी कार को गलत पार्किंग या किसी भी कानून का हवाला देकर उठा ले जाते थे।
आरटीओ से पता लगाता था डिटेल:
पुलिस ने बताया कि आरोपी अजय सबसे पहले तो आरटीओ से एप्लीकेशन के जरिए यह पता लगाता कि कौन-कौन से नंबर की गाड़ी कबाड़ हैं, फिर ये उन उनका लोकेशन पता करता था। चोरी के बाद ये महेंद्र को गाड़ी बेच देता था। फिर महेंद्र कार के पार्ट्स को रोशन को बेच देता था। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार किया है।
कर्ज चुकाने को पकड़ा अपराध का रास्ता:
पुलिस के अनुसार 29 साल का अजय इस पूरे गोरखधंधे का मास्टरमाइंड था। दरअसल, अजय ने कोविड शुरू होने के पहले ही अपने दोस्तों से कर्ज लेकर एक जिम खोला था। लेकिन तभी लॉकडाउन लग गया और अजय को भारी नुकसान हो गया। दोस्त फिर अजय पर पैसे वापस करने के लिए दबाव बनाने लगे। पूछताछ में सामने आया है कि इसी के बाद अजय ने कर चोरी करना शुरू कर दिया।