नोएडा,
ग्रेटर जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सोमवार को सफल लैंडिंग की गई है। यह लैंडिंग इंडिगो फ्लाइट द्वारा की गई है। अब आपको को पीएम मोदी और सीएम योगी के सपने को साकार करने वाली इंडिगो फ्लाइट के मालिको के बारे में बताते हैं
। दरअसल, कंपनी के दो मालिक हैं और दोनों गहरे दोस्त हैं। करीब 19 साल पहले शुरू हुई कंपनी ने जेवर एयरपोर्ट पर अपनी फ्लाइट की सफल लैंडिंग कराई है। यह लो कॉस्ट एयरलाइन है। यानी इसमें सफर करने का टिकट दूसरी एयरलाइन्स कंपनियों के मुकाबले काफी सस्ता है। बताया जा रहा है
कि जेवर एयरपोर्ट से ज्यादातर इंडिगो फ्लाइट से ही लोग देश-विदेश आ जा सकेंगे। इसके अलावा अन्य कंपनियों के विमान भी देखने को मिलेंगे। इंडिगो की शुरुआत दो दोस्तों राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल ने साल 2006 में की थी। राहुल दिल्ली के रहने वाले हैं जबकि उनके दोस्त राकेश अमेरिका में रहते हैं।
इंडिगो शुरू करने से पहले गंगवाल कई बड़ी एयरलाइंस कंपनियों में काम कर चुके थे। ऐसे में उन्हें इस सेक्टर की काफी अच्छी जानकारी थी। दरअसल, इंडिगो की शुरुआत साल 2004 में हुई थी जब उन्होंने इंडिगो की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन की शुरुआत की थी। उस समय देश का एविएशन उद्योग भारी घाटे का सामना कर रहा था। इसके बावजूद दोनों ने इस क्षेत्र में उतरने का फैसला किया। साल 2004 में ही कंपनी को एयरलाइन शुरू करने का लाइसेंस मिल गया था। जानकारी के मुताबिक 2004 में लाइसेंस मिलने के बावजूद कंपनी 2006 तक अपनी उड़ानें शुरू नहीं कर पाई। ऐसा इसलिए क्योंकि कंपनी के पास कोई विमान नहीं था। यहां गंगवाल ने अपने नेटवर्क का फायदा उठाया। अपने संपर्कों की बदौलत उन्होंने कंपनी के लिए एयरबस से 100 विमान लोन पर लिए। इसके बाद कंपनी ने 4 अगस्त 2006 से अपनी उड़ान शुरू की। कंपनी की पहली उड़ान दिल्ली से गुवाहाटी होते हुए इंफाल तक थी।
जब इंडिगो की शुरुआत हुई तो एविएशन इंडस्ट्री मुश्किल दौर से गुजर रही थी। साथ ही, कई बड़ी कंपनियां भी बाजार में मौजूद थीं। ऐसे में इंडिगो के सामने सवाल था कि वह उनके बीच अपनी पहचान कैसे बनाए। इसके समाधान के लिए कंपनी ने सस्ते रेट पर टिकट बेचना शुरू किया। इससे कंपनी को ज्यादा यात्री मिले और उसका घाटा भी काफी हद तक कम हो गया। इस बीच कंई बड़ी कंपनियां इस लाइन में आई और चली गई। लेकिन इंडिगो का जलवा आज भी कायम है।