नई दिल्ली।
उत्तर पश्चिमी दिल्ली के पीतमपुरा इलाके से बीच रोड़ पर दिनदहाड़े लूट का मामला सामने आया है। जिसमें स्कूटी सवार दो लुटेरों ने एक शख्स की गर्दन दबोच उसे लूट लिया। ये घटना पीतमपुरा के नेताजी सुभाष प्लेस थाना क्षेत्र में हुई। पीतमपुरा निवासी पीड़ित राजेश शर्मा (53) 1 नवंबर को लगभग 6:15 बजे अपने घर से दिल्ली हाट पार्किंग की और जा रहे थे, कि तभी अचानक से स्कूटी पर सवार दो लुटेरे आए और पीछे से राजेश शर्मा की गर्दन दबोच कर उनसे उनका लैपटॉप, मोबाइल समेत 30,000 रुपए नगद लेकर फरार हो गए। इस घटना के संबंध में मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई गई। जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी।
पुलिस की और से स्पेशल टीम का गठन किया गया
मामले की गंभीरता को देखते हुए सुभाष प्लेस पुलिस थाने के S.H.O महेश कुमार के मार्गदर्शन में एक स्पेशल टीम का गठन किया गया। जिसमें SI नीरज, ASI अजय, ASI यशपाल, ASI नीरज राणा, हेड कांस्टेबल राहुल हुड्डा, हेड कांस्टेबल धर्मराज, हेड कांस्टेबल मदन लाल, हेड कांस्टेबल प्रदीप और कांस्टेबल मोहित शामिल थे। टीम का निरीक्षण एसीपी सुभाष प्लेस श्री शैलेन्द्र सिंह चौहान और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया गया। टीम को विस्तृत जानकारी और निर्देश दिए गए ताकि जल्द से जल्द अपराधियों को पकड़ा जा सके।
दो आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर मामले की जांच कर आरोपियों की तलाश की गई। पुलिस ने जगह जगह छापेमारी करनी शुरू की ताकि ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाई जा सके। इसके अलावा पुलिस ने आरोपियों की पहचान करने के लिए घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की। आखिरकार इतनी कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिसमें से एक आरोपी दीपक उर्फ राजकुमार उर्फ अक्का (उम्र – 25 वर्ष), जो कि केवल पार्क एक्सटेंशन, आजादपुर का निवासी है, को जहांगीर पुरी से गिरफ्तार किया गया। उससे मिली सूचना के आधार पर चोरी की Honda Activa स्कूटी (HR79A1810), जो प्रशांत विहार थाने के क्षेत्र से चोरी हुई थी, बरामद की गई।
इसके बाद सह-आरोपी राजेंद्र उर्फ कल्लू (उम्र – 26 वर्ष) को भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया जब वह नेपाल भागने की कोशिश कर रहा था। आरोपी कल्लू मुकंदपुर के जनता विहार का निवासी है। उससे मिली सूचना के आधार पर लूटा हुआ मोबाइल और लैपटॉप उसके घर से बरामद किए गए। पूछताछ में, दोनों आरोपियों ने अपनी संलिप्तता स्वीकार की। जांच में पता चला कि दीपक और राजेंद्र दोनों ही आदतन अपराधी हैं। दीपक पहले 09 मामलों में और राजेंद्र 13 मामलों में शामिल रह चुके हैं। वे आसान पैसा कमाने के लिए अपराध करने लगे थे।