उदयपुर।
उदयपुर में 2 लेपर्ड को पकडऩे के बाद भी शिकार और मौतों का सिलसिला नहीं रुक रहा है। जिले के गोगुंदा इलाके में बुधवार को एक और लेपर्ड का हमला हुआ है। इसमें 5 साल की बच्ची को लेपर्ड उठा ले गया। जंगल में बच्ची की कटी हुई हथेली मिली।
उससे कुछ दूर आगे उसका शव पड़ा था। गांव वाले कुछ कर पाते, इससे पहले ही झाडिय़ों के बीच से लेपर्ड आया और शव उठा ले गया। हमले के करीब 17 घंटे बाद गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे बच्ची की सिर कटी बॉडी मिली है।पिछले 10 दिन में इस इलाके से 4 लोगों का लेपर्ड शिकार कर चुका है। हालांकि, ये तय नहीं है कि बच्ची का शिकार करने वाले लेपर्ड ने अन्य तीन लोगों को मारा है।
बुधवार शाम करीब सात बजे मजावद ग्राम पंचायत के कुडाऊ गांव की भील बस्ती में घटना हुई है। नाले के पास हाथ-पांव धो रही सूरज पुत्री गमेर लाल गमेती पर लेपर्ड ने हमला कर दिया। आस-पास खड़े बच्चों के चिल्लाने पर गांव वाले आए। वहां से सूरज को खोजने निकले। सूरज को ढूंढते हुए ग्रामीण जंगल के पास पहाड़ी इलाके में पहुंचे। घर से करीब 500 मीटर की दूरी पर बच्ची की कटी हथेली मिली। उससे थोड़ा आगे बढऩे पर बच्ची का क्षत-विक्षत शव मिला। बच्ची के चेहरे और बाएं हाथ को लेपर्ड खा गया था। गांव वाले अभी आपस में बात ही कर रहे थे कि झाडिय़ों के बीच से लेपर्ड आया और बच्ची का शव खींच ले गया। ग्रामीणों ने शोर मचाया, फिर भी उसने शव नहीं छोड़ा।
जंगल में शव की तलाश कर रहे ग्रामीण और वन विभाग को आज दोपहर करीब 12 बजे बच्ची के अलग-अलग बॉडी पाट्र्स मिले हैं। लेपर्ड ने जिस जगह शिकार किया था। उससे करीब 500 मीटर आगे झाडिय़ों के पास सिर और धड़ मिले हैं। बॉडी पाट्र्स को थैलियों में गोगुंदा सीएचसी में भेजा गया। इस बीच लेपर्ड को पकडऩे व अलग-अलग मांग को लेकर बंद गोगुंदा-झाड़ोल मार्ग को भी दोपहर करीब 12 बजे खुलवाया गया है। वहीं, वन विभाग की टीम लेपर्ड की तलाश कर रही है। वन विभाग ने रात को हुई घटना के बाद घटनास्थल कुडाऊ गांव की भील बस्ती के पास रात करीब 11 बजे पिंजरा लगा दिया था।
भाग्यशाली युवक लेपर्ड की चपेट में आने से बचा।
गोगुंदा थाना क्षेत्र के छाली ग्राम पंचायत के उंडीथल, भेवडिय़ा और उमरिया में लेपर्ड तीन लोगों की जान पहले ही ले चुका है। 25 सितंबर की रात को यह चौथी घटना हो गई। राजसमंद में पैदल चलते युवक पर अचानक लेपर्ड ने हमला कर दिया। युवक के शोर मचाने और तभी गाडिय़ों के वहां आ जाने से लेपर्ड जंगल की ओर भाग गया, जिससे युवक की जान बच गई। घटना राजनगर के बोरज का खेड़ा गांव में बुधवार शाम साढ़े सात बजे की है।
पिछले दिनों इलाके में लेपर्ड के बढ़ते हमलों को देखते हुए चार जिलों की वन विभाग की रेस्क्यू टीमों और सेना की टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाया था। उमरिया के समीप लगाए गए तीन पिंजरों में से दो पिंजरों में 23 सितंबर की रात एक से दो बजे के बीच दो लेपर्ड कैद हुए थे। इन्हें मंगलवार सुबह उदयपुर के बायोलॉजिकल पार्क ले गए थे। अभी भी वन विभाग की 4 टीमें छाली ग्राम पंचायत क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर तैनात हैं। तीन जगहों पर पिंजरे लगाए हुए हैं।