गोरखपुर।
Vice President said on the inauguration of Sainik School – Uttar Pradesh was in the grip of fear before 2017 :- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शनिवार को गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में सैनिक स्कूल के लोकार्पण समारोह में पहुंचे। इस मौके पर उपराष्ट्रपति की पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ भी उपस्थित थीं। इस दौरान अपने सम्बोधन में उपराष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 2017 के बाद यूपी में शिक्षा, चिकित्सा, उद्यमिता तथा अन्य क्षेत्रों में गुणात्मक वृद्धि हुई है। जबकि 2017 के पहले यह प्रदेश डर की चपेट में था। कानून व्यवस्था ठीक नहीं थी, आम आदमी परेशान रहता था। कई पहलुओं पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि सैनिक स्कूल गोरखपुर को मात्र तीन वर्ष में पूरा करवाकर योगी जी ने शानदार और चमत्कारिक कार्य कर दिखाया है। वैसे तो योगी जी के चमत्कारिक कार्यों की गूंज हर जगह सुनाई देती है। तीन वर्ष में सैनिक स्कूल बनकर संचालित होना मुश्किल और अकल्पनीय था लेकिन सीएम योगी ऐसा कर देंगे, यह विश्वास भी था।
भारतीयता हमारी पहचान, राष्ट्र हमारा धर्म:
सैनिक स्कूल समेत सभी स्कूलों के विद्यार्थियों और आमजन को प्रेरित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीयता हमारी पहचान और राष्ट्र हमारा धर्म है। हमें निजी स्वार्थ से ऊपर राष्ट्र धर्म को रखना होगा। राष्ट्रवाद से समझौता राष्ट्र के साथ धोखा होगा। राष्ट्र पर प्रश्न चिन्ह लगाने वालों को हमें बर्दाश्त नहीं करना है।
आज दस साल पहले वाला भारत नहीं:
उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज का भारत दस साल पहले वाला भारत नहीं है। बल्कि सशक्त भारत है। पहले देश का सोना स्विट्जरलैंड के बैंक में गिरवी रखा जाता था आज ऐसी स्थिति नहीं है बल्कि देश के स्वर्णकोष पर्याप्त है। जिस कश्मीर में कोई दिखता नहीं था, वहां धारा 370 समाप्त होने के बाद दो-तीन वर्ष से दो करोड़ से अधिक पर्यटक आ रहे हैं। संविधान निर्माताओं ने धारा 370 को अस्थायी बनाया था लेकिन कुछ लोग इसे परमानेंट मान बैठे थे।
पूर्व सीएम संपूर्णानंद का रिकॉर्ड तोड़ दिया सीएम योगी ने:
उपराष्ट्रपति ने कहा कि 1960 में देश के पहले सैनिक स्कूल की स्थापना उत्तर प्रदेश के लखनऊ में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. संपूर्णानंद जी ने थी। अब यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य सोसाइटी के माध्यम से सैनिक स्कूल खोलने की सराहनीय कार्य किया है। कम समय में सैनिक स्कूल बनाकर और सबसे अधिक दिन मुख्यमंत्री रहकर योगी जी ने पूर्व सीएम डॉ. संपूर्णानंद जी का रिकार्ड तोड़ दिया है।
श्री धनखड़ ने कहा कि पूर्वांचल उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण अंग है। इस क्षेत्र के पहले सैनिक स्कूल का ढांचा अद्भुत है। इस शानदार सैनिक स्कूल के रूप में सीएम योगी ने जो करिश्मा किया है वह भविष्य की पीढ़ी निर्माण का रास्ता है। वह आश्वस्त हैं कि यह सैनिक स्कूल योगी जी की विशिष्ट छाप का प्रतिबिंब रहेगा।
हर राज्य को प्रेरणा देगा यह सैनिक स्कूल:
श्री धनखड़ ने कहा कि गोरखपुर का सैनिक स्कूल हर राज्य को प्रेरणा देगा कि वह भी इसके तर्ज पर सोसाइटी बनाकर अपने राज्य में सैनिक स्कूल की स्थापना करें। उन्होंने कहा कि इस सैनिक स्कूल के लोकार्पण समारोह में आकर आज मेरा जो लगाव गोरखपुर से हुआ है वह जीवन पर्यंत बना रहेगा।
उपराष्ट्रपति ने जोड़ा गोरक्षभूमि का राजस्थान से रिश्ता:
सैनिक स्कूल के लोकार्पण समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ऐतिहासिक, आध्यात्मिक और नाथ संप्रदाय की साधनास्थली गोरक्षभूमि को नमन करते हुए इसका अपने गृह क्षेत्र राजस्थान से रिश्ता जोड़ा। उन्होंने कहा कि वर्तमान गोरक्ष पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के दादागुरु महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज राजस्थान के उदयपुर से थे। गीता प्रेस के हनुमान प्रसाद पोद्दार का ताल्लुक भी राजस्थान से ही था। उन्होंने कहा कि यह उनका परम सौभाग्य रहा है कि योगी जी के गुरुदेव महंत अवेद्यनाथ जी के साथ वह लोकसभा के सदस्य रहे। केंद्र में जब वह मंत्री बने तो उन्होंने जिन कुछ लोगों का आशीर्वाद लिया था उसमें महंत अवेद्यनाथ जी भी एक थे।
टेराकोटा की गणेश प्रतिमा भेंटकर सीएम ने किया उपराष्ट्रपति का अभिनंदन:
सैनिक स्कूल के लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंगवस्त्र तथा टेराकोटा की गणेश जी की प्रतिमा भेंटकर उपराष्ट्रपति का अभिनंदन किया। इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी ने उपराष्ट्रपति की पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ को टेराकोटा की गणेश जी की प्रतिमा भेंट की।
सैनिक स्कूल का निरीक्षण भी किया उपराष्ट्रपति ने:
सैनिक स्कूल गोरखपुर का उद्घाटन करने के साथी उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ इसका निरीक्षण भी किया। उन्होंने क्लास रूम, प्ले ग्राउण्ड, तरणताल, आवासीय परिसर आदि का अवलोकन किया। तत्पश्चात नवनिर्मित एकलव्य शूटिंग रेंज स्थल पर शूटिंग का अभ्यास भी किया। पर्यावरण को स्वच्छ और सुंदर बनाने के दृष्टिकोण से पौधरोपण कर प्रकृति को हरा भरा रखने का संदेश दिया। उपराष्ट्रपति जब मंच पर पहुंचे तो कार्यक्रमों की शुरुआत राष्ट्रगान और सरस्वती वंदना से हुई। इस अवसर पर सैनिक स्कूल के कैडेट्स ने सैनिक स्कूल के छात्र जीवन से लेकर सैन्य जीवन तक की दिनचर्या पर भावपूर्ण नाट्य प्रस्तुति की।