नोएडा।
अमिताभ कांत की सिफारिश के तहत सहमति और कुल बकाया का 25 प्रतिशत जमा नहीं करने वाले 15 बिल्डरों को बुधवार को नोएडा प्राधिकरण बुलाया गया। इसमें एक भी बिल्डर बैठक में नहीं आए। सीईओ ने निर्देश दिए कि सात दिन के अंदर ये बिल्डर 25 प्रतिशत धनराशि जमा नहीं करते तो शासनादेश के तहत अनसोल्ड इन्वेंट्री और खाली प्लाट पर कब्जा लिया जाए। साथ ही सीलिंग की जाए। इसके अलावा सभी बिल्डरों के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा से जांच कराने संबंधित संदर्भित किया जाए। उन्होंने एसीईओ वंदना त्रिपाठी को निर्देश दिए कि बकाया जमा नहीं करने पर स्काईटैक कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड , कलर फुल स्टेट और ओमेक्स बिल्डकोम प्राइवेट लिमिटेड की अनसोल्ड इन्वेंट्री को सील किया जाए और नीलामी के जरिए इनसे वसूली की जाए। बतौर इसके लिए स्थलीय निरीक्षण किया गया। जिसके बाद अनसोल्ड इन्वेंट्री खाली प्लॉट की जानकारी दी गई। इसे सील किया जाएगा।
इनकी होगी ईओडब्ल्यू से जांच और अनसोल्ड प्रॉपर्टी सील:
कलरफुल स्टेट प्राइवेट लिमिटेड
प्रतीक बिल्डटैक प्राइवेट लिमिटेड
प्रतीक रियलटर प्राइवेट लिमिटेड
सन वर्ड रैजीडेंस प्राइवेट लिमिटेड
महागुन रियल स्टेट प्राइवेट लिमिटेड
इंपीरियर हाउसिंग वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड
एम्स मैक्स गार्डेनिया प्राइवेट लिमिटेड
सन शाइन इंफ्रावेल प्राइवेट लिमिटेड
अंतरिक्ष डेवलपर और प्रमोटर प्राइवेट लिमिटेड
परफैक्ट प्रोपबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड
एवीपी बिल्डटैक प्राइवेट लिमिटेड
एसोटैक प्राइवेट लिमिटेड
एसोटैक कांट्रेक्ट प्राइवेट लिमिटेड
ओमेक्स बिल्डहोम प्राइवेट लिमिटेड
स्काईटैक कंस्ट्रक्शन
28 बिल्डरों की कराई जाएगी जांच:
सीईओ ने बताया कि जो भी बिल्डर 25 प्रतिशत बकाया पैसा जमा नहीं करेगा उसकी जांच आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) कराई जाएगी। इसके लिए प्राधिकरण ने ईओडब्लयू से संपर्क किया है। प्रत्येक बिल्डर की जानकारी उनकी देयता आवंटन पत्र और इफेक्टड बायर्स के बारे में पूरी जानकारी ईओडब्ल्यू को दी जाएगी। उनसे गाइडेंस लिया जाएगा। इसमें नोएडा क्षेत्र के 29 बिल्डर है। जिन पर करीब 6902 करोड़ रुपए बकाया है। ये पैसा जमा कर दे तो 12616 फ्लैट बायर्स की रजिस्ट्री हो सकती है।
तीन पाइंट में बिल्डरों की होगी जांच:
ऐसे बिल्डर जिन्होंने अमिताभ कांत की सिफारिश के तहत सहमति दी लेकिन पैसा जमा नहीं किया। इनकी संख्या 7 है। जिन पर 1575.48 करोड बकाया है। ये पैसा जमा कर दे तो 2853 रजिस्ट्री हो सकेंगी।
ऐसे बिल्डर जिन्होंने सिफारिश के तहत सहमति दी और आंशिक पैसा जमा किया। इनकी संख्या 13 है। इन पर 4147.54 करोड़ का बकाया है। पैसा जमा करने पर 5263 बायर्स की रजिस्ट्री हो सकेगी।
ऐसे बिल्डर जिन्होंने न तो सहमति दी और न बैठक में आए । इनकी संख्या 9 है। इन पर 1180 करोड़ का बकाया है। पैसा जमा करने पर 4500 बायर्स की रजिस्ट्री हो सकेगी।
12616 बायर्स की फंसी रजिस्ट्री:
इन बिल्डरों पर 6902 करोड़ के आसपास बकाया है। अमिताभ कांत की सिफारिश के तहत इन बिल्डरों को दो साल कोविड का लाभ देते हुए जीरो पीरियड दिया गया। इसके बाद इनको कुल बकाया का महज 25 प्रतिशत पैसा जमा करना था। बाकी रकम किस्तों में देनी थी। बिल्डरो ने न तो पैसा जमा किया और न ही सहमति दी। ऐसे में प्राधिकरण अब एक्शन लेने जा रहा है। प्राधिकरण ने 56 बिल्डर परियोजनाओं में से 22 बिल्डरों को अमिताभ कांत की सिफारिश के तहत छूट दी। इन बिल्डरों ने अब तक 25 प्रतिशत धनराशि रुपए 275.72 करोड़ जमा कराई। 6 बिल्डर्स का बकाया शून्य हो गयी है। इन 28 बिल्डर परियोजनाओं में कुल 2558 फ्लैट बायर्स के पक्ष में रजिस्ट्री की अनुमति दी गई। जिसके सापेक्ष 3 सितंबर 2024 तक 1298 फ्लैट बायर्स के पक्ष में रजिस्ट्रियों की गई। 1260 रजिस्ट्रियों अवशेष है। जब तक 22 बिल्डर ये अपना 25 प्रतिशत पैसा पूरा जमा नहीं करते इनको एनजीटी के जीरो पीरियड नहीं दिया जाएगा।
