नई दिल्ली।
बीजेपी और RSS के बीच दूरी को लेकर सवाल उठने लगे हैं, जब संघ की तरफ से बयान आया कि बीजेपी को RSS की ज़रूरत नहीं है। संघ के प्रचारक सुनिल आंबेकर ने इस मुद्दे को ‘पारिवारिक मामला’ बताते हुए इसे नजरअंदाज करने की कोशिश की, लेकिन दोनों संगठनों के बीच समन्वय की कमी को लेकर भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
केरल बैठक में उठे मुद्दे
केरल के पलक्कड़ में आयोजित तीन दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक के दौरान आंबेकर ने कहा कि इतने बड़े संगठन में कामकाज से जुड़े मुद्दे सामने आते रहते हैं, जिन्हें बातचीत के जरिए हल किया जा सकता है। उन्होंने यह भी माना कि हाल के लोकसभा चुनावों के दौरान RSS कैडर के उत्साह की कमी पर भी चर्चा हुई थी।
“राष्ट्र सर्वोपरि है”: संघ की विचारधारा
आंबेकर ने कहा कि बीजेपी और RSS के मूल विश्वास और लक्ष्य एक जैसे हैं, लेकिन कार्यात्मक मुद्दे कभी-कभी सामने आ जाते हैं। संघ का प्रमुख सिद्धांत यह है कि राष्ट्र सर्वोपरि है, और इसके साथ ही बाकी सभी मुद्दे हल किए जा सकते हैं।