नई दिल्ली।
अपने पड़ोसी की पत्नी को परेशान करने वाले शख्स को दिल्ली हाईकोर्ट ने अनोखा निर्देश दिया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने उक्त मामले में आरोपित दो लोगों को एक महीने तक गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब में सामुदायिक सेवा करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने पक्षों के बीच समझौते के बाद मामले में दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने निर्देश दिया कि आरोपित एक महीने तक हर दिन सुबह नौ बजे से गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब में उन्हें सौंपे गए कर्तव्यों का पालन करेंगे।
इसके बाद एक महीना पूरा होने के बाद गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब से एक प्रमाण पत्र प्राप्त करेंगे, जिसे अदालत के आदेश का अनुपालन दिखाने के लिए भी दायर किया जाएगा। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि आरोपियों ने शिकायतकर्ता पड़ोसी पर हमला किया था और उसकी पत्नी के खिलाफ “गंदी और अश्लील टिप्पणियां” की थीं और समझौते के कारण उन्हें छोड़ा नहीं जा सकता है।
यही नहीं कोर्ट ने अपने इलाके में 20-20 पेड़ लगाने का भी आदेश दिया है। न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें अपने पापों का प्रायश्चित करना होगा और यह समझना होगा कि वो कोर्ट को हल्के में नहीं ले सकते हैं। न्यायाधीश ने 18 जुलाई को पारित आदेश में कहा कि दोनों को सशस्त्र बल युद्ध हताहत कल्याण कोष के पक्ष में 25-25 हजार रुपये का खर्च भी अदा करने और अपने इलाके में 20-20 पेड़ लगाने और उनकी देखभाल भी करनी होगी।