गाजियाबाद।
गाज़ियाबाद से अंधविश्वास और अपराध का एक ऐसा मामला सामने आया है कि सुनने वाले के रौंगटे खड़े हो जाएं। एक महिला ने अपने बेटे को जेल से छुड़ाने के चक्कर में एक मौलवी की बातों में आकर पड़ोस की एक मासूम बच्ची का अपहरण कर लिया। हालांकि पुलिस एक्टिव हुई और बच्ची को सकुशल बचा लिया। गिरफ्तारी के बाद महिला ने जो सच्चाई पुलिस को बताई ,वो बेहद चौकानें वाली है।
पुलिस अधिकारी स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि मूल रूप से बिहार में लखीसराय निवासी रिंकू महतो गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाना क्षेत्र स्थित कनावनी झुग्गियों में पत्नी और तीन बेटियों संग रहता है। 20 जुलाई को पति-पत्नी मजदूरी करने गए हुए थे। जब वे वापस लौटे तो छह महीने की बेटी लापता थी। दूसरी बेटियों से पता चला कि परिचित महिला इदन खातून उर्फ रूबीना उर्फ नूरजहां आई थी और बच्ची को साथ लेकर चली गई। इंदिरापुरम पुलिस ने इस मामले में अपहरण का केस दर्ज किया और महिला को पकड़ने के लिए दो पुलिस टीमें लगाईं। आरोपी महिला इदन खातून को सोमवार शाम वसुंधरा रामलीला ग्राउंड से गिरफ्तार कर लिया गया। वो मूल रूप से जिला देवरिया में मईल थाना क्षेत्र के वगाही की रहने वाली है। उससे बच्ची को बरामद करके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।
पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्ता ने बताया- ‘मेरा बेटा लड़की भगाने और उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोप में जेल में बंद है। मैं बेटे को जेल से बाहर निकलवाना चाहती थी। किसी ने मुझसे कहा कि बेटे को छुड़ाने के लिए एक उपाय करना होगा। वो ये कि किसी अबोध बच्चे से मौलवी के समक्ष सजदा करा दो। इसलिए मैंने बच्ची का अपहरण किया था। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि फिलहाल ये महिला गाजियाबाद के खोड़ा इलाके में रहती है और उसका भतीजा कनावनी झुग्गियों के पास ही रहता है। ये महिला अक्सर अपने भतीजे के आसपास आती रहती थी, इसलिए उसकी इस बच्ची के परिवार से भी जान-पहचान हो गई। फुटेज में ये महिला अपहरण कर बच्ची को ले जाते हुए कैद हुई थी।