अलवर।
जिस सुहाग की लंबी उम्र के लिए पत्नी करवाचौथ का व्रत रखती थी । जिसके नाम का सिंदूर अपनी मांग में सजाती थी। उसी को रास्ते से हटाने के लिए उसकी चाय में कुछ ऐसा मिलाने लगी कि पति धीरे धीरे कमजोर और बीमार रहने लगा। और इस धोखे की वजह सिर्फ ये कि पत्नी को पड़ोस के एक डॉक्टर से प्यार हो गया था। साजिश की इंतिहा ये कि डॉक्टर आधार कार्ड बनवाने के बहाने पत्नी को ले गया और तलाक के कागजात बनवा डाले । जब पति को शक हुआ तो खूब हंगामा बरपा। डॉक्टर के क्लिनिक पर तोड़फोड़ तक हुई। पुलिस आई तो पता चला डॉक्टर भी फर्जी है। अब मामले में जांच चालू है।
उमरैण पंचायत समिति अन्र्तगत पडने वाले सिलीसेढ के श्योदानपुरा गांव में एक फर्जी डाक्टर के क्लनिक और घर पर छापा मारा। पुलिस ने डाक्टर को गिरफ्तार कर लिया है। डाक्टर पर गांव की एक महिला को उसके पति तलाक दिलाने के लिए का मामला भी है । इसी मामले को लेकर ग्रामीणों ने डाक्टर के घर तोडफोड कर दी। जिससे डाक्टर की सारी सच्चाई सामने आई है।
एक युवक ने पडोस में रहने वाले डाक्टर पर पत्नी को बहका कर जबरन तलाक कराने का आरोप लगाया है। उसने दावा किया है कि डाक्टर के बहकावे में आकर उसकी पत्नी उसे चाय में कुछ ऐसा मिला कर दे रही थी जिससे वह कमजोर होता जा रहा है। उसने डाक्टर पर आरोप लगाया कि यह डाक्टर किसी भी बीमारी का शर्तिया ईलाज करने का दावा करता है। मामले को लेकर देर रात ग्रामीणों ने डाक्टर के घर को घेर लिया और तोड़फोड़ कर डाली। सूचना मिलने पर पुलिस ने पति की रिर्पोट पर डाक्टर को गिरफ्तार कर लिया।
डॉक्टर निकला झोलाछाप:
वही ब्लाक सीएमएचओ लोकेष मीणा ने मौके पर आकर क्लीनिक की जांच की तो पता चला कि डाक्टर के पासकोई डिग्री नही है वह झोलाझाप निकला।
पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने बताया कि महिला के पति मनोज ने मामला दर्ज कराया है। इसके आधार पर खुद को डाक्टर बताने वाले जुबेर खान निवासी लक्ष्मणगढ बिचगांव को गिरफ्तार किया है । मामले की जांच अभी जारी है।
पत्नी 6 महीने से चाय में कुछ मिलाती है कुछ:
महिला के पति मनोज ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि करीब आठ साल पहले ही जुबेर खान उसके पडोस में रहने आया। इसी दौरान उसने उसकी पत्नी करिष्मा को बहकाया है। पिछले छह महीने से उसकी पत्नी उसे चाय में कुछ मिला कर दे रही है, जिससे वह कमजोर हो गया है। बुधवार को करिष्मा ने बताया कि वह जुबेर के साथ रहना चाहती है। आरोप है कि जुबेर करिश्मा को पेन कार्ड बनवाने के बहाने कोर्ट लेकर आया और तलाक के कागज तैयार करवाए। घर लौट कर करिष्मा ने तलाक की बात बताई तब परिजनों को सच्चाई का पता चला।
उप प्रधान महेश ने जानकारी देते हुए बताया कि यह झोलाझाप डाक्टर किसी भी बीमारी को ठीक करने का दावा करता है और हर मरीज को देखने की बाकायदा दो सौ रूप्ये फीस भी लेता है। जिस प्रकार महिला का पति अचानक बीमार हुआ इसमें डाक्टर की संदिग्ध भूमिका है। इसकी जांच होनी चाहिए।