Friday, April 11, 2025
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60 दिनों में बनेगी छात्रों की फेसियल आईडी, यूपी सरकार ने यूपीडेस्को को सौंपा जिम्मा

by Watan Kesari
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लखनऊ।

 डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में बड़े टेक्नोलॉजिकल अपडेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस टेक्नोलॉजिकल अपडेशन के अंतर्गत छात्र-छात्राओं की लाइव अटेंडेंस उनके फेशियल बायोमीट्रिक्स से लगेगी। साथ ही, रेगुलर सेमेस्टर परीक्षाओं को पूरी पारदर्शिता व शुचिता के साथ पूर्ण कराने के लिए लाइव सीसीटीवी कवरेज को लेकर कार्य प्रारंभ हो गया है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी की मंशा अनुरूप एक विस्तृत कार्ययोजना के जरिए डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में बड़े टेक्नोलॉजिकल अपडेशन के फ्रेमवर्क को तय किया गया था, जिसको क्रियान्वित करते हुए उत्तर प्रदेश डेवलपमेंट सिस्टम्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीडेस्को) को यह कार्यभार सौंपा गया है।

यूपीडेस्को को सौंपी गई है जिम्मेदारी:

यूपीडेस्को में पहले से इम्पैनल्ड कंपनियों को मिलेगा सर्विस व सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट प्रोवाइडर बनने का मौका मिलेगा जिसे कार्यावंटन के बाद 60 दिन के भीतर सीसीटीवी इंस्टॉलेशन, सीसीटीवी मॉनिटरिंग कमांड सेंटर की स्थापना तथा स्टूडेंट्स-स्टाफ के बायोमीट्रिक्स का संकलन कर मास्टर डाटाबेस तैयार कर उन्हें सॉफ्टवेयर के माध्यम से एक्सेस योग्य बनाने जैसे कार्यों को पूर्ण करना होगा। 

कई मायनों में खास होगा यह टेक्नोलॉजिल अपडेशन:

शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि के दृष्टिगत आधुनिक तकनीक अपनाना हमेशा से सीएम योगी की प्राथमिकताओं में शामिल रहा है। प्रदेश में परीक्षा प्रक्रिया निर्बाध रूप से पूर्ण पारदर्शिता व शुचिता पूर्वक पूरी हो, इसके लिए भी विभिन्न स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में होने वाला टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट इन दोनों ही बातों को आत्मसात करता है। स्टूडेंट्स-स्टाफ के बायोमीट्रिक्स का संकलन कर मास्टर डाटाबेस तैयार कर उन्हें सॉफ्टवेयर के माध्यम से एक्सेस करने के साथ ही यूनिवर्सिटी में इस बात की लगातार मॉनिटरिंग हो सकेगी कि संबंधित छात्र-छात्राएं क्लासेस सही से अटेंड कर रहे हैं या नहीं। डाटाबेस में उनके आधार कार्ड नंबर, चेहरा, आंखों की पुतली तथा हाथ के इंप्रेशंस के साथ कई अन्य अहम जानकारियों को भी संकलित किया जाएगा जिससे किसी अप्रिय स्थिति में तत्काल ही संबंधित स्टूडेंट या स्टाफ को चिह्नित किया जा सकेगा।

सीसीटीवी की निगरानी में परीक्षा कराने का मार्ग होगा प्रशस्त: 

यूनिवर्सिटी में मास्टर डाटाबेस तो कई मायनों में निर्णायक साबित होगा ही, साथ ही यूनिवर्सिटी के क्लासेस की भी सीसीटीवी के जरिए लाइव मॉनिटरिंग हो सकेगी। इस प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए एक विशिष्ट सीसीटीवी कमांड सेंटर की भी स्थापना की जाएगी। इतना ही नहीं, निर्माणाधीन सिस्टम को यूनिवर्सिटी की जरूरतों के हिसाब से अपडेट करना तथा यूनिवर्सिटी के स्टाफ को संचालन, निगरानी और पर्यवेक्षण प्रक्रिया में दक्ष भी बनाया जाएगा।

स्टाफ को दी जाएगी ट्रेनिंग:

इन कार्यों को पूर्ण करने के लिए बाकायदा निर्माणाधी एप्लीकेशन का सोर्स कोड और उपयोगकर्ता मैनुअल उपलब्ध कराएगा तथा कार्यावंटन के बाद सर्विस व सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट प्रोवाइडर प्रक्रियाओं के उचित क्रियान्वयन के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा चिह्नित कर्मचारियों को प्रशिक्षण/पुनः प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, यूनिवर्सिटी की वेबसाइट व अन्य सॉफ्टवेयर्स के एनुअल मेंटिनेंस जैसी प्रक्रियाओं को भी पूर्ण किया जाएगा।

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