बांसवाड़ा।
वागड़ में राजनीति ने करवट बदल ली है। ऐसे में आदिवासी समाज के दिग्गज नेता महेन्द्रजीत सिंह मालवीया को बड़ा झटका लगा है। बीजेपी नेता महेन्द्रजीत सिंह मालवीया राजस्थान के ऐसे नेता बन गए हैं, जिन्हें सांसद बनने के चक्कर विधायकी से भी हाथ धोना पड़ा। जी हां, बांसवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस-भाजपा के आपसी संघर्ष के बीच 35 साल बाद नई पार्टी के रूप में भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) ने परचम लहराया है। पार्टी प्रत्याशी राजकुमार रोत ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के महेन्द्रजीत सिंह मालवीया को 2 लाख 46 हजार 915 मतों से हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है।
बता दें कि आदिवासी समाज के दिग्गज नेता महेन्द्रजीत सिंह मालवीया ने लोकसभा चुनाव से ऐन वक्त पहले पाला बदला था। मालवीया ने कांग्रेस का हाथ छोडक़र बीजेपी का दामन थामा था। इतना ही नहीं बांसवाड़ा की बागीदौरा सीट से विधायक रहे मालवीया ने पद से भी इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद बीजेपी ने मालवीया को बांसवाड़ा लोकसभा सीट से मैदान में उतारा। लेकिन, वो हार गए। ऐसे में मालवीया को सांसद बनने के चक्कर में सांसदी से भी हाथ धोना पड़ा।