ग्रेटर नोएडा,
यमुना प्राधिकरण में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (ईएमसी) टू विकसित होगा। इसकी एंकर कंपनी के लिए हैवेल्स इंडिया को चुना गया है, इसके साथ ईएमसी में छह अन्य इकाई भी होंगी। इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण बनाने की इकाई लगाई जाएंगी। यमुना प्राधिकरण जमीन आवंटन के लिए सैद्धांतिक सहमति दे चुका है। ईएमसी टू में कंपनी के आवेदन को स्वीकृति मिलने के बाद प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में सॉफ्टवेयर पार्क, फिनटेक सिटी, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर, डाटा सेंटर विकसित किए जा रहे हैं।
प्राधिकरण के सेक्टर दस में दो सौ एकड़ में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित किया जाएगा। इसमें प्रमुख कंपनी हैवेल्स इंडिया को चयनित किया गया है। कंपनी पचास एकड़ में इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण का निर्माण करने की इकाई लगाएगी। इसमें करीब आठ सौ करोड़ रुपये का निवेश होगा। इसके अतिरिक्त छह इकाईयां और स्थापित होंगी। इन सभी इकाईयों में भी इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण बनाने की इकाई लगाई जाएंगी। प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह का कहना है कि ईएमसी टू के लिए दो सौ एकड़ जमीन आवंटन पर सैद्धांतिक सहमति दे दी गई है। हैवेल्स इंडिया की ओर से केंद्र सरकार में ईएमसी टू के लिए आवेदन किया गया है। स्वीकृति मिलने के बाद जमीन आवंटन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। ईएमसी टू से औद्योगिक निवेश के अलावा बड़े पैमाने पर रोजगार भी सृजित होगा। ईएमसी के लिए केंद्र व राज्य सरकार की नीति हैं।
इसके तहत स्थापित हाेने वाली इकाईयों को सरकार की ओर से अनुदान व कई रियायतें मिलती हैं। इन्हें प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सरकार से स्वीकृति मिलना जरूरी है।
इन श्रेणी के लगेंगे उद्योग:
ऑटोमेटिव इलेक्ट्रॉनिक्स, इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर हार्डवेयर, टेलिकॉम एवं नेटवर्किंग, ई-मोबिलिटी कंपोनेंट। ईएमसी वन के तहत यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर 24ए में वीवो व उसकी सहायक इकाईयां स्थापित हो चुकी हैं। वीवो को 2018 में 169 एकड़ जमीन आवंटित हुई थी। 2024 में कंपनी ने इस इकाई में उत्पादन शुरू कर दिया है। पहले चरण में 6.5 करोड़ सालाना मोबाइल फोन बनाए जाएंगे। सभी चरण पूरा होने पर इकाई की क्षमता 14.5 करोड़ सालाना मोबाइल फोन की हो जाएगी।