गाजियाबाद।
गाजियाबाद में भाजपा ओबीसी मोर्चा के महानगर महामंत्री इंदर बजरंगी को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। 28 अगस्त को भाजपा के महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा ने निष्कासन पत्र जारी करते हुए लिखा- भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर अर्नगल टिप्पणी तथा सोशल मीडिया पर पार्टी का दुष्प्रचार करने पर पार्टी विरोधी गतिविधि में आपको निष्कासित किया जाता है। इस निष्कासन के जवाब में इंदर बजरंगी ने एक्स पर लिखा- ‘भाजपा से मैंने कुछ नहीं मांगा। 18 साल विहिप, बजरंगदल, भाजपा को तन, मन, धन से समर्पित किए। बीमार माताजी के बेहतर इलाज का झूठा आश्वासन मिला। पीड़ा व्यक्त की तो निष्कासन मिला। माताजी ने ही स्वाभिमान से जीना सिखाया है।’ दरअसल, इस पूरे विवाद की शुरुआत जुलाई महीने से शुरू हुई थी। इंदर बजरंगी ने बताया- मां को हार्ट प्रॉब्लम थी। वो गाजियाबाद के हॉस्पिटल में भर्ती थीं। उन्हें बेहतर इलाज चाहिए था। मैंने 12 जुलाई को गाजियाबाद सांसद अतुल गर्ग से जीबी पंत हॉस्पिटल के लिए लेटर बनवाया। उन्होंने दो लेटर बनाए। एक हॉस्पिटल और दूसरा स्वास्थ्य मंत्री के नाम। पार्टी वर्कर होने के नाते पहले मैं स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के आवास पर पहुंचा। पहले तो वहां कोई बात करने को तैयार नहीं था। मेरे मिन्नतें करने पर वहां से मुझे एक पर्ची ये कहकर दी गई कि इसे हॉस्पिटल में दिखा देना। मैं पर्ची लेकर हॉस्पिटल में पहुंचा। इमरजेंसी में कोई सुनवाई नहीं हुई। वहां मुझे एक से दूसरी टेबल पर भेजते रहे। मैं फिर वापस जेपी नड्डा के आवास पर आया। मैंने वहां मौजूद लोगों को पूरा प्रकरण बताया और कहा कि वो हॉस्पिटल को सीधे कॉल करके बोल दें। उन्होंने हॉस्पिटल को कॉल करने से मना कर दिया। इस चक्कर में मेरी मां करीब तीन घंटे तक एंबुलेंस में बैठी रहीं और मैं परेशान होता रहा। थक-हारकर मैं वहां से चला आया और उसी शाम को मां को फरीदाबाद के हॉस्पिटल में भर्ती कराया। इस पूरे एपिसोड के बाद इंदर बजरंगी ने 18 जुलाई को एक्स पर एक पोस्ट डालकर लिखा- ‘राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वास्थ्य मंत्री जी, कार्यकर्ता आपके लिए समर्पित है। आप कार्यकर्ता के लिए समर्पित नहीं हो। 7बी आपके निवास पर मैं जा चुका हूं। जहां पर मुझे झांसा देकर टाल दिया।’ दरअसल, इंदर बजरंगी इस प्रकरण के बाद से लगातार बीजेपी नेताओं पर सोशल मीडिया पर टिप्पणी कर रहे थे। माना जा रहा है कि इसी वजह से उन पर कार्रवाई हुई है।
जेपी नड्डा के खिलाफ लिखने वाले को भाजपा से निकाला
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