नई दिल्ली।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुखार, सर्दी, एलर्जी, खुजली और दर्द में इस्तेमाल की जाने वाली 100 से ज्यादा FDC दवाओं यानि फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन की दवाओं पर बैन लगाया है। केंद्र ने इस अधिसूचना में कहा कि यह फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन वाली दवाएं इंसानों के लिए खतरनाक है। वहीं इस दवाओं के सुरक्षित विकल्प भी मौजूद है।
इन दवाओं पर लगाया गया बैन:
एफडीसी दवाएं को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा 12 अगस्त को जारी गजट अधिसूचना सरकार ने शीर्ष फार्मा कंपनियों के द्वारा दर्द से तुरंत राहत मिल जाती है. जिन दवाओं पर बैन लगाया गया है वह प्रसिद्ध दवाएं एसिक्लोफेनाक 50 मिलीग्राम+ पैरासिटामोल 125 मिलीग्राम टैबलेट पर बैन लगा दिया गया है।
मैफेनैमिक एसिड+ पैरासिटामोल इंजेक्शन, सिटीरिजिन एचसीएल+ पैरासिटामोल+फिनाइलफ्राइन एचसीएल, लेवोसेटिरिजिन+ फेनिलफ्राइन एचसीएल+ पैरासिटामोल+ क्लोरफेनिरामाइन मैलेट+ फिनाइल प्रोफेनॉलमाइन और कैमिलोफिन डाइह्राइड्रोक्लोराइड 25 मिलीग्राम+ पैरासिटामोल 300 मिलीग्राम है। केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर कहा कि फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन दवा का इस्तेमाल इंसानों के लिए काफी ज्यादा खतरनाक है। यह शरीर में कई तरह का नुकसान पहुंचाता है। एफडीसी को तर्कहीन माना था।
DTAB ने की थी जांच:
पैनल ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (डीटीएबी) ने भी इन एफडीसी की जांच की सिफारिश की। एफडीसी इंसानों के लिए काफी ज्यादा खतरनाक है। इसलिए इसके बिक्री या वितरण पर लोग लगाना बेहद जरूरी है।
इससे पिछले साल जून 2023 में 14 एफडीसी दवाओं पर बैन लगाया गया था।