नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली में चुनाव आयोग के नेतृत्व विधानसभा चुनाव पूरी तरह संपन्न हो चुका है। चुनाव आयोग द्वारा आचार संहिता को हटाने का आदेश भी पारित कर दिया गया है,
साथ ही चुनावों में भाजपा को सम्पूर्ण जीत मिलने के बाद नेताओं और विधायकों में खलबली मची हुई है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री की कमान किस नेता या विधायक को सौंपी जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेताओं, विधायकों को जनता के हित के लिए विकास कार्यों गौर करने की वजह नए मुख्यमंत्री की कुर्सी पर ज़्यादा ध्यान दिया जा रहा है,
क्योंकि मुख्यमंत्री की पद ललचाई कुर्सी मानी जा रही है। नए मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में वरिष्ठ नेताओं समेत तमाम विधायक तक भाजपा प्रदेश कार्यालयों के चक्कर काट रहें है।
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह द्वारा समय अनुसार तय किया जाएगा कि राजधानी दिल्ली की कमान किस नेता या विधायक को नए मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। भाजपा के वरिष्ठ-वरिष्ठ नेतागण और तमाम विधायक तक नए मुख्यमंत्री की कुर्सी पाने के लाइन लगाकर कतार में खड़े हुए है,
साथ ही नई सरकार के गठन की चर्चाएं भी तेज हो रही है। विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल कर चुकी भाजपा बहुत जल्द सरकार बनाने का दावा पेश करने में जुटी हुई है। दिल्ली सचिवालय के गलियारों में प्रशासनिक फेरबदल को लेकर भी चर्चा जोरों-शोर पर है। दिल्ली के अफसरशाही में बहुत जल्द बदलाव होने की संभावना जताई गई है, क्योंकि गत वर्षों के दौरान आप पार्टी सरकार और अफसरशाही के बीच संबंध कुछ अच्छे नहीं रहे हैं,