नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा चुनावी नतीजों के बाद भाजपा के खेमे में जीत के जश्न का माहौल बना हुआ है। चुनावों में आम आदमी पार्टी अपनी हार की समीक्षा करने में जुट हुई है, साथ ही कांग्रेस तीसरी बार चुनाव में अपना खाता खोलने में पूरी तरह असमर्थ रही, लेकिन चुनावों में कांग्रेस ने 15 सीटों पर आम आदमी पार्टी का खेल बिगाड़कर सत्ता से बाहर खड़ा करवा दिया है।
अगर विधानसभा चुनावों में आंकड़े की बात की जाए, तो 15 सीटों पर भाजपा की जीत और आप पार्टी की हार में जो अंतर है, उससे कहीं ज्यादा वोट कांग्रेस ने हासिल की है।
आपको बता दें कि अगर चुनावों के दौरान कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन हो जाता, तो इन सीटों पर कांग्रेस द्वारा आप पार्टी को पूरा समर्थन करते हुए अपने उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में नहीं उतार पाते, साथ ही आप के उम्मीदवार इन सीटों पर अपनी जीत हासिल कर जाते।
चुनावी मैदान में आम आदमी पार्टी मौजूदा 22 सीटों में 15 से अधिक सीटों हासिल कर लेती, साथ ही बहुमत का आंकड़ा आसानी से पार हो जाता।
सूत्रों के अनुसार, चुनावी आंकड़ो पर बातें करें, तो दिल्ली में कई ऐसी सीटें हैं, जहां से आप प्रत्याशियों को बहुत ही कम वोटों के अंतर से हार का स्वाद चखना पड़ा है।
इस फेहरिस्त में आम आदमी पार्टी के बड़े नेता मनीष सिसोदिया का भी नाम शामिल है, जो मात्र 675 वोटों से हार गए थे। अगर आप-कांग्रेस साथ होकर चुनाव लड़तीं, तो शायद भाजपा को पिछाड देती। उस दौरान तिमारपुर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी 1168 वोट के अंतर से जीते है,
साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी को 8361 वोट मिल पाई थी। बादली विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी 15163 वोटों से जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को 41071 वोट मिले थे। इसके अलावा नांगलोई जाट से भाजपा 26251 वोटों से जीत दर्ज कराई थी, साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी को 32028 वोट मिल चुके थे। इसमें जंगपुरा, त्रिलोकपुरी, संगम विहार, राजेंद्र नगर और महरौली ऐसी सीटें रहीं है, जिन पर भाजपा क्रमश: 675, 392, 344, 1231, 1782 वोटों से जीत पाए है, जोकि भाजपा को जीत की सबसे कम अंतर वाली सीटे हैं।