नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली में 17 महीनों से इमामों और मुअजीमों को सैलरी ना मिलने से घरों में खाने के लाले तक पड़ गए थे।
इस दौरान इमामों और मुआजीमों ने उपराज्यपाल वी.के सक्सेना से मदद की गुहार लगाई थी।
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के सक्सेना ने इमामों और मुआजीमों की पीड़ा को समझते हुए सभी को सैलरी देने का आदेश पारित किया गया।
उपराज्यपाल सक्सेना द्वारा 17 महीनों बाद सभी इमामों और मुआजीमों को सैलरी मिलने पर ख़ुशी की लहर दौड़ उठी।
इस दौरान मुफ्ती मोहम्मद साद व इमामों और मुआजीमों ने उपराज्यपाल वी.के सक्सेना का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज दिन हम सबके के लिए बेहद ही ख़ुशी का दिन है,
क्योंकि हम सबने अनेकों बार पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सैलरी दिलाने को लेकर मद्द माँगी गई थी, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा हमें कुछ हासिल नहीं हो पाया था, साथ ही परिवार को पालन पोषण करना तक दुश्वार हो गया था। जब हमने उपराज्यपाल वी.के सक्सेना को सैलरी ना मिलने की अपनी आप बीती बयान की, तो उपराज्यपाल सक्सेना के आदेश अनुसार सभी इमामों और मुआजीमों को रुकी हुई सैलरी प्राप्त हो पाई है।
आपको बता दें कि पुरानी दिल्ली में स्थित एक मस्जिद में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इमामों और मुअज्जिनों से मुलाकात की, साथ ही इमामों व मुअज्जिनों ने 17 महीने से रुका हुआ वेतन मिलने पर उपराज्यपाल का आभार जताया है।
ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने कहा कि रुका हुआ वेतन देने के लिए उपराज्यपाल के आदेश अनुसार फाइल पास हो पाई है,
लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल सरकार द्वारा फाइल जानबूझकर को रोका हुआ था। हालाँकि कई बार इस संबंध में केजरीवाल से भी मुलाकात की गई थी, लेकिन समस्या का कोई समाधान तक नहीं हो पाया था। जब उपराज्यपाल वी.के सक्सेना को 17 महीनें से रुकी हुई सैलरी के बारे में अवगत कराया गया, तो उपराज्यपाल सक्सेना द्वारा 17 माह बाद रुका हुआ वेतन प्राप्त हो पाया है।
अगर दिल्ली में बीजेपी की सरकार बन जाएगी। तो सभी क्षेत्रवासियों को रहने की सहूलियत मिल पाएगी, लोगों के रुके हुए काम आसानी से बन सकेंगे, साथ ही लोगों का आपसी का झगड़ा ही खत्म हो जाएगा। सभी नौकरी करने वालों को समय पर वेतन मिलने लगेगा।