भोपाल।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रह रहे दुबई के कारोबारी विवेक ओबेरॉय के साथ जालसाजों द्वारा डिजिटल अरेस्ट की घटना सामने आई। ये घटना शनिवार दोपहर को हुई। जब दोपहर 1 बजे विवेक ओबेरॉय को एक अनजान नंबर से कॉल आया जिसमे कॉल करने वाले ने अपने आपको ट्राय लीगल सेल का अधिकारी बताया। यहीं से शुरू हुआ कारोबारी को डिजिटल अरेस्ट के जाल में फंसाने का सिलसिला। लगभग 5 घंटे कारोबारी को जालसाजों ने अपने जाल में फंसाए रखा।
भोपाल में पत्नी संग रहने आए थे विवेक
ये घटना भोपाल की अरेरा इलाके की है। जहां पीड़ित अपनी पत्नी के साथ रहते हैं। दरअसल विवेक दुबई में रहते हैं और उनका कारोबार भी दुबई में ही है। वे यहां दिवाली से कुछ ही दिन पहले अपनी पत्नी के साथ रहने आए थे। बता दें कि जहां कारोबारी विवेक रह रहे हैं वह भी उनका अपना ही घर है। जहां वे कुछ दिनों के लिए रहने आए हैं।
विवेक ओबेरॉय को आया अनजान नंबर से कॉल
पीड़ित को अनजान नंबर से आए कॉल पर कॉलर ने अपने आपको ट्राय का अफसर बताया जिसके बाद उसने पीड़ित से कहा कि आपके आधार से सैंकड़ों सिम कार्ड लिए गए हैं। आपसे पहले मुंबई साइबर सेल अफसर विक्रम सिंह और फिर सीबीआई अफसर आईपीएस मनीष कलवानिया पूछताछ करेंगे।
5 घंटे तक जालसाजों ने डिजिटल अरेस्ट के जाल में फंसाए रखा
इसके लिए विवेक के 3 मोबाइल और 1 लैपटॉप पर स्काइप(Skype) ऐप इंस्टॉल करवाकर वीडियो कॉल के ज़रिए 5 घंटे तक यानि कि दोपहर 1 बजे से शाम 6 बजे तक डिजिटल अरेस्ट के जाल में फंसाए रखा। इस दौरान डिजिटल अपराधियों ने विवेक से उनकी सभी बैंक डिटेल्स प्राप्त कर ली और फिर धमकियां देनी शुरू कर दी। इस घटना की जानकारी जब विवेक के पड़ोसी को मालूम चली तो उन्होंने इसकी सूचना ADG इंटेलिजेंस योगेश देशमुख को दी। जिसके तुरंत बाद ADG ने साइबर सेल अधिकारी एसआई यादव और आरक्षक भागवत सिंह को बताए गए पते पर भेजा।
मौके पर पहुंचे साइबर सेल अधिकारी ने कारोबारी को शिकार होने से बचाया

राहत की बात ये रही कि कारोबारी के जालसाजों का शिकार बनने से पहले ही मौके पर साइबर सेल के एसआई पहुंच गए। जहां उन्होंने देखा कि कारोबारी को कुछ लोगों ने डिजिटल अरेस्ट किया हुआ है। जिसके बाद एसआई यादव ने उन लोगों से अपनी पुलिस आईडी दिखाने के लिए कहा तो इस पर उन जालसाजों ने एसआई को कहा कि आप भी यहां बैठो और हमारी बात सुनो। इसके बाद कॉल डिस्कनेक्ट हो गया।