नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार के लिए आरपीडब्ल्यूडी (RPWD) अधिनियम, 2016 के व्यापक और प्रभावी तरीके से कार्यान्वित करने के लिए केंद्र को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बंगलौर में प्रोफेसर संजय जैन की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
कोर्ट की और से जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि 19 अप्रैल, 2017 को आरपीडब्ल्यूडी (RPWD) अधिनियम लागू होने के बावजूद इसके निष्पादन में कई न्यूनताएं हैं। जिस कारण दिव्यांगों को अपने प्राथमिक अधिकारों से वंचित होना पड़ रहा है।
याचिका में दिव्यांगजन अधिकार कानून को सही तरीके से लागू करने के लिए न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग की गई है। इसमें विभिन्न रिपोर्टों का उल्लेख किया गया है, जिनमें दिव्यांगता अधिकार फाउंडेशन और अन्य संगठनों की 2018 की संयुक्त रिपोर्ट भी शामिल है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कई राज्यों ने अब तक इस कानून के तहत नियम नहीं बनाए हैं।
याचिका में ये भी कहा गया कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम उचित तरीके से क्रियान्वित नहीं किए जाने के कारण संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 19 और 21 (समानता का अधिकार, भेदभाव के खिलाफ सुरक्षा, जीवन का अधिकार और व्यक्तिगत स्वतंत्रता जैसे मौलिक अधिकार) का उल्लंघन किया।