Sunday, March 16, 2025
Home Breaking-News दिल्ली का एक्यूआई 400 पार, शुरू हुआ ‘चिट्ठी वार’

दिल्ली का एक्यूआई 400 पार, शुरू हुआ ‘चिट्ठी वार’

by POOJA BHARTI
0 comment


नई दिल्ली।

दिल्ली में दमघोंटू प्रदूषण के चलते एक तरफ लोगों का सांस लेना भारी हो रहा है, तो दूसरी तरफ आरोप प्रत्यारोप का सियासी दौर भी चरम पर है। अब दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखा है। उन्होंने चार पेज के पत्र में अपनी बात रखी है और मुख्यमंत्री को उनकी जिम्मेदारी की भी याद दिलाई।
उपराज्यपाल ने पत्र में लिखा है कि उन्हें बड़ी निराशा हो रही है कि दिल्ली को दुनिया में सबसे प्रदूषित शहर के रूप में चिन्हित किया जा रहा है। इस खतरनाक प्रदूषण का लोगों के जीवन पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ रहा है और उनका जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है। उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र में इस बात को भी याद दिलाया है कि वह समय-समय पर इस मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकर्षित करवाते रहे, लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला। अब हम एक बार फिर वायु प्रदूषण और भयानक घुटन भरे एहसास को देख रहे हैं, महसूस कर रहे हैं।


उपराज्यपाल ने पत्र में लिखा है कि दिल्ली के तकरीबन सभी इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के करीब पहुंच चुका है। दीपावली और छठ पूजा नजदीक है। छठ पूजा के समय में यमुना में प्रदूषण के दयनीय स्थिति है। दिल्ली के तमाम अस्पतालों में सांस की समस्याओं के शिकायत करने वाले मरीज बहुत संख्या में पहुंच रहे हैं।
उपराज्यपाल ने पत्र में लिखा है बीते सालों की तरह प्रदूषण पर ना तो कोई ठोस जवाब दिया जा रहा है ना ही कोई समाधान किया जा रहा है। उन्होंने दिल्ली सरकार द्वारा चलाए गए अपील, अभियान पर भी सवाल उठाए हैं और लिखा है इसमें सरकार जनता से ही सहयोग मांग रही है। सरकार को जिस संजीदगी के साथ प्रदूषण कम करने के उपाय करनी चाहिए, वह नहीं हो रहा है।


बताई राजधानी के प्रदूषण की वजह:
पत्र में उपराज्यपाल ने लिखा है कि दिल्ली में प्रदूषण की मुख्य वजह धूल है। कई अध्ययनों में पता चला है कि शहर में वायु प्रदूषण का लगभग 36 प्रतिशत हिस्सा सड़कों पर उड़ने वाली धूल, निर्माण से उत्पन्न हुई धूल के कारण है। वहीं सड़क की धूल मुख्य रूप से, बिना मरम्मत की सड़कों, खुले फुटपाथों सेंट्रल वर्ज और टूटी-फूटी सड़कों के कारण होती है। इसके अलावा वायु प्रदूषण का लगभग 25 फीसदी हिस्सा वाहनों से होने वाले उत्सर्जन के कारण होता है। सॉलिड वेस्ट जलाने से 8 फीसदी और अन्य राज्यों में पराली जलाने से 26 प्रतिशत प्रदूषण होता है। 5 फीसदी चूल्हे, तंदूर और जनरेटर आदि जैसे विविध कार्य को के कारण होता है। पत्र में एलजी ने लिखा है कि दिल्ली को गैस चैंबर बनाने वाले धुएं में प्रमुख योगदान देने वाले देने के साथ ही धूल से एलर्जी और क्रॉनिक पलमोनरी डिजीज जैसी बड़ी स्वास्थ्य समस्याएं भी होती हैं, यह समस्या गंभीर है और सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।

You may also like

Leave a Comment

Our Company

“हमारा न्यूज़ पोर्टल ताज़ा ख़बरों, उत्तेजक रिपोर्ट्स और गहराई से लिखे लेखों का एक संग्रह है। हम आपको जानकारी से लैस, विचारशीलता से भरपूर और समर्थनीय पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं। हम आपके लिए सत्यता, विश्वासनीयता और गुणवत्ता को प्राथमिकता देते हैं।”

Laest News

@2024 – All Right Reserved. Designed and Developed by KGS Groups