बेहद खराब श्रेणी में पहुंचा एक्यूआई, ग्रैप-2 की गाइडलाइंस का पालन नहीं
गाजियाबाद।
जैसे-जैसे ठंड का मौसम नजदीक आ रहा, वैसे-वैसे दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा बिगड़ती जा रही है। बुधवार सुबह देश के प्रदूषित शहरों की सूची में गाजियाबाद तीसरे नंबर पर पहुंच गया, वहीं इसका पड़ोसी जिला नोएडा चौथे नंबर पर है। यहां की एयर क्वालिटी बेहद खराब स्तर पर पहुंच गई है। उसकी वजह ये है कि ग्रैप-2 लागू होने के बावजूद इसकी गाइडलाइंस का ठोस पालन नहीं हो पा रहा। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीबीसीबी) की बुधवार सुबह 9 बजे की रिपोर्ट के अनुसार- तमिलनाडु के कडलुर नगर की एयर क्वालिटी (एक्यूआई) देश में सबसे ज्यादा 353 है। दूसरे नंबर पर दिल्ली का एक्यूआई 363, तीसरे नंबर पर गाजियाबाद का एक्यूआई 319 और चौथे नंबर पर नोएडा का एक्यूआई 311 है। गाजियाबाद के इंदिरापुरम क्षेत्र का एक्यूआई 302, लोनी का 347, संजयनगर का 308 और वसुंधरा क्षेत्र का एक्यूआई 320 पहुंच गया है। इंदिरापुरम और वसुंधरा क्षेत्र में सबसे ज्यादा कंस्ट्रक्शन हो रहे हैं। लोनी दिल्ली का बॉर्डर एरिया है। यहां सबसे ज्यादा वाहन प्रदूषण रहता है। तमाम फैक्ट्रियां भी हैं। गाजियाबाद और नोएडा में हर रोज खुले में कूड़ा जलाने की तस्वीरें सामने आ रही हैं। इन सभी चीजों से एयर क्वालिटी पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
ग्रैप के 4 चरण :
- एयर क्वालिटी इंडेक्स अगर 201 से 300 के बीच होगा तो उसमें ग्रैप के पहले चरण को लागू किया जाएगा। इसमें निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों के लिए निर्देश जारी होते हैं। सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाता है। कचरा जलाने पर प्रतिबंध रहेगा। डीजल जनरेटर का इस्तेमाल बिजली के लिए नहीं होगा।
- एयर क्वालिटी इंडेक्स 301 से 400 के बीच होगा तो ग्रैप के दूसरे चरण को लागू किया जाएगा। डीजल जनरेटर पर पाबंदी रहेगी। होटल में कोयले या तंदूर का इस्तेमाल नहीं होगा। पार्किंग फीस बढ़ा दी जाएगी। इलेक्ट्रिक या सीएनजी बसें और मेट्रो सर्विस के फेरे बढ़ाए जाएंगे।
- एयर क्वालिटी इंडेक्स 401 से 450 के बीच होगी तो तीसरे चरण को लागू किया जाएगा। इसमें निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर प्रतिबंध रहेगा। हर दिन सड़कों की सफाई होगी। पानी का छिड़काव होगा। दिल्ली-एनसीआर में माइनिंग भी बंद हो जाएगी।
- एयर क्वालिटी इंडेक्स 450 से ज्यादा हुआ तो यह बेहद खराब श्रेणी में दर्ज किया जाएगा। इसमें ग्रैप का चौथा चरण लागू होगा। शहर में ट्रकों की एंट्री बंद हो जाएगी। सिर्फ जरूरी सामान लाने-ले जाने वाले ट्रक आ सकेंगे। इंडस्ट्री और फैक्ट्रियां बंद कर दी जाएंगी। कंस्ट्रक्शन और डिमॉलिशन एक्टिविटी पर रोक रहेगी। दफ्तरों में सिर्फ 50% कर्मचारी ही आ सकेंगे। बाकी वर्क फ्रॉम होम करेंगे।
प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए गाइडलाइन
पानी के छिड़काव के लिए टैंकर नियमित रूप से कूडा उठाएं। स्वीपिंग रोस्टर सड़कों की धुलाई कराए।
एमडीए, आवास विकास परिषद, यूपीसीडी निर्माणधीन कंस्ट्रक्शन, जिसका एरिया 2000 वर्ग मीटर से अधिक है, पीटीजेड कैमरे की स्थापना करे।
जिले की सभी सड़कें गड्ढा मुक्त की जाएं और प्राथमिकता से इसे किया जाए।
जिले में नगर निगम, नगर निकाय, नगर पंचायत खुले में कूड़ा न डाले।
स्वच्छ वायु ऐप, फेसबुक,आदि के माध्यम से वायु प्रदूषण की शिकायतों का निस्तारण करें।