-बच्चे की मौत के बाद भी माता-पिता देते रहे सीपीआर सीएमएचओ ने बीसीएमओ को दिया मुकदमा दर्ज कराने का आदेश
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अलवर
इसे क्या कहे पैसों की भूख या फिर सरकारी आदेशों को दरकिनार करना जब अवैध तरीके से चल रहे झोलाछाप डॉक्टर का क्लीनिक अनियमितताओं के कारण सीएमएचओं ने सीज कर दिया तो फिर भी उसने एक कमरे में मरीज देखना जारी रखा और अपनी अल्प विधा के तहत इलाज के दौरान एक बच्चे को मौत की नींद सुला दिया।
अलवर में 14 महीने के बेटे को डॉक्टरों ने मृत घोषित किया उसके बाद भी माता-पिता सीपीआर देते रहे। 10 मिनट तक दंपती बेटे को बचाने के लिए प्रयास करते रहे। हालांकि वे सफल नहीं हो पाए। मामला रैणी का बुधवार शाम 5 बजे का है।
पिता ने मासूम को सबसे पहले जहां दिखाया, वह क्लिनिक सीएमएचओ ने 4 दिन पहले ही सील किया था। इसके बाद भी वहां एक कमरे में लोगों का इलाज किया जा रहा है।
बच्चे के पिता भीम सिंह ने बताया- तीन दिन से बेटे देवेंद्र को बुखार हुआ था। बुधवार को तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी। उसे दिखाने के लिए कृष्णा क्लिनिक लेकर गए थे। यहां प्रेम शर्मा ने बच्चे को इंजेक्शन लगाया था। उसके बाद बच्चे को घर लेकर आ गए थे। कुछ ही देर बाद में बच्चे को सांस लेने में दिक्कत होने लगी थी। इसके बाद रैणी के सरकारी अस्पताल लेकर आए। यहां डॉक्टर ने बच्चे को सीपीआर दिया और थोड़ी देर बाद मृत घोषित कर दिया।
डॉक्टर के मृत घोषित करने के बाद बच्चे के माता-पिता उसे सीपीआर देते रहे। 10 मिनट तक दंपती बेटे को सीपीआर देते रहे, लेकिन उसकी सांस नहीं लौटी।
रैणी अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी डॉ.दीपक शर्मा ने बताया- शाम को भीम सिंह अपने 14 माह के बेटे को लेकर आए थे। हमने उसे चेक किया तो बच्चे की नब्ज नहीं चल रही थी। पिछली हिस्ट्री के बारे में पूछा तो उन्होंने कृष्णा क्लिनिक में इलाज की बात बताई।
4 दिन पहले कृष्णा क्लिनिक को सील कर दिया था। यहां झोलाछाप इलाज करता मिला था। उसके बावजूद इसी जगह पर बिना परमिशन के बच्चे का इलाज किया है। जिसके कारण बच्चे की जान चली गई। बीसीएमओ को बोला गया है। वे मुकदमा दर्ज कराकर कार्रवाई कराएंगे।