Saturday, March 15, 2025
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दिल्ली में पुलिस ने सोनम वांगचुक को लिया हिरासत में , मच गया सियासी बवाल

by POOJA BHARTI
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  • सीएम आतिशी को मिलने से रोका तो फूटा गुस्सा

नई दिल्ली।

दिल्ली पुलिस ने सोमवार (30 सितंबर) को देर रात जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक समेत 150 लोगों को हिरासत में लिया। वांगचुक लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर दिल्ली आ रहे थे, लेकिन हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर उन्हें हिरासत में ले लिया गया। साथ ही विरोध प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए धारा 163 लगा दी गई है। पुलिस वांगचुक समेत हिरासत में लिए गए लोगों को अलीपुर और शहर की सीमा से लगे अन्य पुलिस थानों में ले गई ।

पुलिस का कहना है कि सोनम वांगचुक को वापस जाने को कहा गया, लेकिन जब वो नहीं रुके तो सीमा पर पहले से तैनात पुलिसकर्मियों ने वांगचुक समेत करीब 150 लोगों को हिरासत में ले लिया। बताया जा रहा है कि 2 अक्टूबर को जलवायु कार्यकर्ताओं ने राजघाट पर धरने पर बैठने की योजना बनाई थी।

राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना:

सोनम वांगचुक के हिरासत में लिए जाने पर कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने देर रात अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर कहा, “पर्यावरण और संवैधानिक अधिकारों के लिए शांतिपूर्वक मार्च कर रहे सोनम वांगचुक और सैकड़ों लद्दाखयों को हिरासत में लेना अस्वीकार्य है।”उन्होंने कहा, “लद्दाख के भविष्य के लिए खड़े होने वाले बुजुर्गों नागरिकों को दिल्ली बॉर्डर पर क्यों डिटेन किया जा रहा है? मोदी जी, किसानों की तरह यह चक्रव्यूह भी टूटेगा और आपका अहंकार भी। आपको लद्दाख की आवाज सुननी होगी।”

दिल्ली की बपौती नहीं:केजरीवाल:

वांगचुक को हिरासत में लिए जाने पर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी में संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में आने से कभी किसानों को रोकते हैं, कभी लद्दाख के लोगों को रोकते हैं। क्या दिल्ली किसी एक शख्स की बपौती है? दिल्ली देश की राजधानी है। दिल्ली में आने का सब को अधिकार है। ये सरासर गलत है। निहत्थे शांतिपूर्ण लोगों से आखिर इन्हें क्या डर लग रहा है।

सीएम आतिशी को मिलने से रोका:

वांगचुक को हिरासत में लिए जाने की चर्चा के बीच मुख्यमंत्री आतिशी उनसे मिलने बवाना थाने पहुंची। आतिशी का आरोप है कि उन्हें दिल्ली पुलिस ने सोनम वांगचुक से नहीं मिलने दिया गया। आतिशी ने थाने से बाहर निकलने के बाद कहा कि सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, पुलिस ने थाने में मेरी एंट्री करवाई। सोनम वांगचुक से मिलने नहीं दिया। यह बीजेपी की तानाशाही है। हम वांगचुक का पूरा समर्थन करते हैं। लद्दाख में एलजी राज खत्म होना चाहिए। उसी तरह दिल्ली में एलजी राज खत्म होना चाहिए। 1947 में देश के लोगों को आजादी मिली। वोट का अधिकार मिला। इस देश में संविधान ने लोकतांत्रिक अधिकार दिए। चाहे दिल्ली हो या लद्दाख, लद्दाख के लोगों का वोटिंग का अधिकार छीना गया। दिल्ली के लोगों का अधिकार छीना जा रहा है और एलजी साहब को दिया जा रहा है।

क्या है छठी अनुसूची?

सोनम वांगचुक लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। दरअसल, संविधान का अनुच्छेद 244 देश में अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन से संबंधित है। अनुच्छेद 244 की छठी अनुसूची में चार राज्यों असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम आते हैं।

वहीं बाकी राज्य पांचवीं अनुसूची के अंतर्गत आते हैं। छठी अनुसूची में जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन से संबंधित विशेष प्रावधान है। इसके तहत विधायी, न्यायिक और प्रशासनिक जैसे कुछ मामलों पर कानून बनाने का अधिकार भी है।

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