गाजियाबाद।
गाजियाबाद में कथित तौर पर जूस में यूरिन मिलाने और मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद फूड सेफ्टी विभाग ने 48 जूस दुकानों पर छापेमारी की। चार दुकानें बिना लाइसेंस जूस बेचती पाई गईं। इन दुकान संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। ज्यादातर जूस विक्रेताओं के यहां साफ-सफाई नहीं मिली। इन्हें नोटिस जारी किए गए हैं। निर्देश दिए गए हैं कि अपने लाइसेंस की कॉपी दुकान पर चस्पा करें। ताकि कस्टमर भी उसको देख सकें। जूस के 20 सैंपल लेकर जांच को भेजे गए हैं।
फूड सेफ्टी विभाग ने दो दिवसीय विशेष अभियान चलाया
गाजियाबाद के अपर जिलाधिकारी गंभीर सिंह ने कहा- सरकार की मंशा है कि खाद्य सामग्री हाइजनिक हो। इसके लिए साफ-सफाई बेहद जरूरी है। यही जानने के लिए फूड सेफ्टी विभाग ने 25 और 26 सितंबर को दो दिन का विशेष अभियान चलाया। 11 खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के नेतृत्व में टीमों ने जूस दुकानों पर जाकर मानकों की जांच-पड़ताल की। इसमें कुछ कॉलेजों की कैंटीन भी शामिल हैं। जिन दुकानों पर लाइसेंस थे, उनके लाइसेंस की कॉपी दुकानों के बाहर चस्पा कराई गई। दुकानों पर लाइसेंस की कॉपी लगाई गई।
जूस की दुकान में यूरिन पाया गया
गाजियाबाद के लोनी इलाके में ‘खुशी जूस एंड शेक’ शॉप है। 13 सितंबर को लोगों ने आरोप लगाया कि यहां जूस में यूरिन मिलाया जा रहा है। दुकान संचालक आमिर की पिटाई कर दी गई। सूचना पर जब पुलिस पहुंची तो दुकान के अंदर से एक प्लास्टिक कैन रिकवर हुई। पुलिस ने दावा किया कि कैन के अंदर करीब एक लीटर पीले रंग का द्रव्य पदार्थ था, जो प्रथम दृष्टया यूरिन था। पुलिस ने इस मामले में दुकान संचालक आमिर को सीआरपीसी की धारा-151 (शांतिभंग) के आरोप में गिरफ्तार किया। पुलिस पूछताछ में आमिर ने कबूला था कि प्लास्टिक कैन में यूरिन ही था।
सभी दुकानों पर लाइसेंस की कॉपी चस्पा की जाएं: मुख्यमंत्री योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस घटना का संज्ञान लिया था। इसके बाद नोएडा और बागपत जिलों में खाद्य सामग्रियों में भी मिलावट के मामले सामने आए। जिन्हें देखते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया था कि खाद्य पदार्थ की दुकानों पर लाइसेंस की कॉपी चस्पा की जाए।