रूपबास,
रूपबास उपखण्ड क्षेत्र के गांव बरबार में आज सुबह बरबार गांव में 11फुट लंबे अजगर सर्प को देखकर अफरा तफरी मच गई और महिला पुरुष तथा बच्चे चीखपुकार करते हुए इधर उधर भागने लगे।
इसी बीच किसी ने रूपबास के समाज सेवी प्रिंस सिंघल जो कि अपना जीवन पशु पक्षियों और जानवरों की सेवा में समर्पित कर चुके हैं और आजीवन शादी नहीं करने का प्रण ले चुके हैं तथा अपना शरीर तथा अपने शरीर के ऑर्गन भी लिखित में दान कर चुके हैं कि मेरे मरने के बाद शरीर के सभी ऑर्गन किसी जरूरत मंद इंसान को दान दे दिए जावें।
सूचना मिलते ही प्रिंस सिंघल अपने पास मौजूद जो भी औजार थे उनको लेकर गांव बरबार पहुंचे तथा लोगों को समझाया कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है हम आराम से इस अजगर को पकड़ लेंगे।
थोड़ी मशक्कत के बाद लोगों के सहयोग से प्रिंस सिंघल ने अजगर सर्प को काबू में लेकर पकड़ लिया तथा उसे रूपबास से 3किलोमीटर दूर काले प_े के पीछे जंगलात एरिया में छोड़ दिया जिससे वह अजगर किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सके।
महान समाज सेवी प्रिंस सिंघल गाय, श्वान, कुत्ता, बंदर, पशु, पक्षियों तथा अन्य सभी तरह के जानवरों का इलाज अब तक अपने निजी पैसे से करते आ रहे थे लेकिन अपनी ज़मीन, प्लाट आदि बेचने के बाद सारा पैसा पशु पक्षियों तथा गायों के इलाज में खर्च कर दिए और मजबूरी आने पर उसने निकट सहयोगियों ने सहायता करना शुरू किया जो अब सहायता करने वाले आगे आ रहे हैं तथा प्रिंस सिंघल दूर दूर तक जाकर वाहनों से टकराकर जख्मी गाय,भैंस, पशु पक्षियों का इलाज करने सरेंधी, सैंपऊ, धौलपुर, जगनेर, ऊंचा नगला तक अपनी मोटरसाईकिल द्वारा जाकर इलाज कर रहे हैं।
ऐसे समाज सेवी की सहायता और सहयोग परम आवश्यक है क्योंकि प्रिंस सिंघल बेजुबान जानवरो की सेवा तथा इलाज कर रहे हैं।