-घेरा तोडक़र मिलने पहुंचा 10वीं का स्टूडेंट, कहा- मेरी मम्मी का ट्रांसफर नहीं हो रहा
जयपुर।
Security lapse of Defense Minister Rajnath Singh in Jaipur :- जयपुर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया है। राजनाथ सिंह सीकर रोड स्थित भवानी निकेतन स्कूल के कैंपस में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर सैनिक स्कूल का उद्घाटन करने आए थे। कार्यक्रम के बाद वह एयरपोर्ट के लिए रवाना हो रहे थे। इसी दौरान एक छात्र सुरक्षा घेरा तोडक़र उनके पास पहुंच गया।
सुरक्षाकर्मियों ने छात्र को उठाकर बाहर की ओर धकेल दिया। हालांकि राजनाथ सिंह ने छात्र को अपने पास बुलाया और उसकी बात सुनी। छात्र हर्ष भारद्वाज ने कहा- वह 10वीं क्लास में पढ़ता है और जयपुर में अकेला रहता है। उसकी मम्मी झालावाड़ में सरकारी टीचर हैं। उनका ट्रांसफर यहां नहीं हो रहा है।
इस मामले को लेकर जयपुर पुलिस का कहना है कि जो छात्र रक्षा मंत्री से मिलने पहुंचा था, वो एनसीसी कैडेट था। उसे रक्षा मंत्री ने स्वयं बात करने के लिए बुलाया था। वह मौके पर ही मौजूद था। ऐसे में सुरक्षा घेरा और प्रॉटोकॉल टूटने जैसी कोई घटना नहीं हुई है।
इससे पहले सैनिक स्कूल के उद्घाटन कार्यक्रम में रक्षा मंत्री ने कहा- आज पीपीपी मोड की भूमिका बदल गई है। इसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप कहा जाता है, लेकिन मैं इसे प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप कहना ज्यादा उचित समझूंगा। पीपीपी मोड में प्राइवेट सेक्टर की भूमिका पब्लिक सेक्टर से कहीं ज्यादा है।
रक्षा मंत्री ने कहा- आज देश की अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा सेक्टर कृषि भी प्राइवेट सेक्टर में ही होता है। आप देखेंगे कि अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान प्राइवेट सेक्टर करता है। मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में भी प्राइवेट की भूमिका पब्लिक सेक्टर से कहीं ज्यादा है। आज देश की अर्थव्यवस्था की ड्राइविंग सीट पर प्राइवेट सेक्टर बैठा हुआ है, इसलिए देश में नए सैनिक स्कूलों की स्थापना इसी पीपीपी मोड पर की जा रही है। यहां पर प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर दोनों की ताकत मिलकर काम करेगी।
उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने कहा- मुझे गर्व है कि मैं एक सैनिक की बेटी हूं। राजस्थान में बड़ी संख्या में सैनिक परिवार रहते हैं। ऐसे में यहां के बच्चों में बचपन से ही देशभक्त की भावना पैदा हो जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में पीपीपी मोड पर 100 सैनिक स्कूल खोलने का ऐलान किया था। अब स्कूलों में पढ़ाई के साथ-साथ देशभक्ति की भावना भी बच्चों में पैदा होगी।