नई दिल्ली।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस्तीफे के बाद रविवार को पहली बार आम आदमी पार्टी द्वारा जंतर मंतर पर बुलाई गई ‘जनता की अदालत’ में पहुंचे। इस दौरान केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। यही नहीं केजरीवाल ने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत से 5 सवाल पूछे।
केजरीवाल के 5 सवाल:
- जिस तरह मोदी जी ईडी ,सीबीआई का डर दिखाकर सरकारें गिरा रहे हैं, क्या आरएसएस उससे सहमत है?
- मोदी जी ने सबसे भ्रष्ट नेताओं को बीजेपी में शामिल कराया क्या आरएसएस मोदी जी से सहमत है?
- जेपी नड्डा के बयान से आरएसएस दुखी हुआ या नहीं?
- 75 साल वाला रूल मोदी जी पर लागू होगा या नहीं?
- बीजेपी आरएसएस की कोख से पैदा हुई है। कहा जाता है कि ये देखना आरएसएस की जिम्मेदारी है कि बीजेपी पथभ्रष्ट न हो। क्या आप आज की बीजेपी के कदमों से सहमत हैं? क्या आपने कभी मोदी जी से ये सब न करने के लिए कहा ?
मैं दाग के साथ नहीं जी सकता:
केजरीवाल ने दिल्ली शराब नीति घोटाले का जिक्र करते हुए कहा, वकीलों ने कहा कि यह केस दस साल भी चल सकता है। मैं इस दाग के साथ नहीं जी सकता। इसलिए सोचा कि जनता की अदालत में जाऊंगा। अगर मैं बेईमान होता तो बिजली फ्री करने के तीन हजार करोड़ खा जाता, महिलाओं के किराया फ्री नहीं करता, बच्चों के लिए स्कूल नहीं बनवाता। दरअसल, अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से इस केस में जमानत मिली है, इसके बाद उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया।
केजरीवाल ने कहा, अन्ना आंदोलन 4 अप्रेल 2011 को जंतर मंतर से शुरू हुआ था। तब सरकार ने हमें चैलेंज किया था चुनाव लड़कर दिखाओ, जीतकर दिखाओ। हम भी चुनाव लड़ लिये। देश के अंदर साबित कर दिया कि ईमानदारी से चुनाव लड़ा जा सकता है और ईमानदारी से चुनाव जीता भी जा सकता है। हमने सरकार चलाई। बिजली पानी फ्री कर दिया। बसों में महिलाओं का सफर फ्री कर दिया। इलाज फ्री कर दिया। शानदार अस्पताल और स्कूल बना दिए। ये देखकर मोदी जी घबरा गए और हमारे ऊपर झूठे आरोप लगा दिये और जेल भेज दिया।