महोबा।
आपने ठगी के बहुत से मामले देखे और सुने होंगे लेकिन महोबा में विद्युत विभाग के जेई ने आधा सैकड़ा गांव के हजारों विद्युत उपभोक्ताओं को ऐसा ठगा कि हर कोई हैरत में पड़ गया। विद्युत बिल जमाकर उपभोक्ताओं सहित किसानों को फर्जी रसीदें थमा दी गई। 2 वर्ष से चल रहे इस खेल में ढाई करोड़ रुपए के गबन का आरोप जेई पर लगा है। मामला खुलता देख जेई ने अन्य उपकेंद्र में अपना स्थानांतरण करा लिया मगर अब जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय टीम ने मामला सही पाया तो विभाग के अधीक्षण अभियंता ने दोषी जेई को निलंबित कर दिया है। इस मामले को लेकर विधायक ने ऊर्जा मंत्री सहित अन्य अधिकारियों को जेई पर कार्यवाही के लिए पत्र लिखा है। उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी और गबन के इस मामले के सामने आने के बाद से विद्युत विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
मामला जनपद के कुलपहाड़ तहसील अंतर्गत आने वाले विद्युत उपखंड अजनर का है। जिसमे दो फीडर फीडर से आधा सैकड़ गांव के हजारों विद्युत उपभोक्ता जुड़े हुए हैं। जिनके साथ उपखंड में तैनात जेई ने करोड़ों रुपए की बिजली बिल जमा करने के नाम पर ठगी कर डाली। बताया जाता है कि विद्युत उपखंड अजनर में बिल जमा कर फर्जी रसीद दी गई है लेकिन जब नया बिल आया तो उसमें जमा की गई रकम जुड़ी ना देख उपभोक्ता सन रह गए। इतना ही नहीं सिंचाई नलकूप विद्युत कनेक्शन का बिल माफ होने के बावजूद भी किसानों से जबरन किसानों से बिल वसूल कर फर्जी रसीद थमाकर रकम डकार ली गई।
मामला उजागर होने पर विद्युत उपखंड अजनर के अवर अभियंता अमित पांडे को आनन फानन में स्थानांतरण कर मामले को दबाने का प्रयास किया गया। मगर उपभोक्ताओं की बढ़ती नाराजगी और चरखारी विधायक बृजभूषण राजपूत के दखल के बाद विभाग ने जब जांच कराई तो दोषी पाए गए जेई को निलंबित कर दिया गया। बताया जाता है कि जेई अमित कुमार द्वारा विद्युत उपखंड अजनर में एक प्राइवेट कंप्यूटर ऑपरेटर रखकर उपभोक्ता को न केवल ठगा गया बल्कि विभाग का भी करोड़ों रूपए राजस्व का गबन किया गया है। उपकेंद्र में बिल जमा करने आने वाले उपभोक्ताओं से बकाया बिजली बिल के रुपए जमा करा लिए जाते थे मगर उसकी रसीद दो दिन बाद एडिट कर दी जाती थी। जमा किए गए बिजली बिल का 10 फीसदी विभाग में जमा कर प्राप्त हुई रशीद को एक्सेल में जाकर एडिट कर उपभोक्ताओं को फर्जी रसीदें थमाई जा रही थी। जिससे बिल जमा होने के बावजूद भी उपभोक्ताओं के बिल में बकाया राशि जुड़ कर आ रही थी।
जब उपभोक्ताओं ने इसकी जानकारी की तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई कि कैसे सरकारी विभाग में उनके साथ धोखा किया जा रहा था। यही नहीं 2023 तक किसान उपभोक्ताओं के निजी नलकूप कनेक्शन बिल माफ होने के बावजूद भी किसानों को धमका कर उनसे रुपए वसूल किए गए और उन्हें भी फर्जी रसीदे जारी कर दी गई। धौर्या गांव निवासी किसान विक्रम राजपूत का आरोप है कि निजी नलकूप विद्युत कनेक्शन माफ होने के बावजूद भी अवर अभियंता अमित पांडे ने धमकाकर 3800 रुपए जमा किए और उसे फर्जी रसीद दी गई। ऐसे ही किसान भैरव लाल, हरदयाल, उमा राजपूत अनमोल सिंह ,लीलावती धर्मजीत, रामदास आदि किसानों के निजी नलकूप बिल माफ होने के बावजूद भी उनसे जबरन बिल जमा करने के नाम पर रुपए ऐंठ लिए गए और फर्जी रसीद विभाग की बना कर दे दी गई।
विद्युत उपभोक्ताओं और किसानों के साथ विभाग के जेई की महाठगी चर्चा में आई तो आरोपी के अमित पांडे को विभाग ने बचाने के लिए स्थानांतरण महोबा शहर के उपखंड में कर दिया गया। लेकिन इस मामले में उपभोक्ताओं की बढ़ती नाराजगी और चरखारी विधायक बृजभूषण राजपूत द्वारा ऊर्जा मंत्री सहित अन्य अधिकारियों को कार्यवाही के लिए पत्र लिखे जाने के बाद विभाग के अधीक्षण अभियंता आरएस गौतम द्वारा गठित की गई तीन सदस्यीय टीम ने जय अमित पांडे को दोषी पाए जाने पर निलंबित कर दिया है।
इस कार्यवाही के बाद से विभाग में हड़कंप मचा है। इस मामले को लेकर अधीक्षण अभियंता आरएस गौतम बताते है कि शिकायत के आधार पर जांच में जेई अमित पांडे दोषी पाए गए है जिसके आधार पर उन्हें निलंबित कर दिया है अजनर विद्युत उपकेंद्र में ऐसे अन्य और मामले हो सकते है जिसको देखते हुए मुख्य अभियंता को उच्च स्तरीय जांच के लिए पत्र भेजा गया है।