जयपुर।
राजस्थान में लोकसभा में भले ही अपेक्षा अनुरूप सीटें नहीं मिली हों, लेकिन भाजपा सरकार ने 40 जिलों में नवगठित 86 नगरपालिकाओं (छोटे शहर) में चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। स्वायत्त शासन विभाग ने संबंधित सभी कलक्टर को वार्डों के परिसीमन शुरू करने के लिए कहा है।
वार्डों की सीमा का क्षेत्रफल, जनसंख्या, आरक्षण (एससी, एसटी, ओबीसी) के आधार पर वर्गीकरण होगा। अभी यहां 1985 वार्ड प्रस्तावित है, परिसीमन में इनकी संख्या कम ज्यादा हो सकती है। सभी नगरपालिकाओं का गठन पिछली कांग्रेस सरकार में हो गया था, लेकिन तत्कालीन सरकार ने चुनाव कराने में रुचि नहीं दिखाई। ऐसे में न तो इन निकायों के अपना भवन हैं और न ही पूरा स्टाफ व संसाधन। इससे स्थानीय लोगों को नगरपालिका से जुड़ी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।
नगरपालिका के पास कर्मचारियों से लेकर संसाधन का अलग सिस्टम होगा। इसमें सफाई, लाइट, ड्रेनेज, सीवरेज मुख्य रूप से है। नई स्कीम तत्काल लाई जा सकेगी। सुनियोजित विकास के लिए प्लान बनाना अनिवार्य हो जाएगा।
सभी नवगठित नगर पालिकाओं में अभी सभापति सरपंच ही हैं। इनमें ज्यादातर कांग्रेस विचारधारा से जुड़े हुए हैं। इन ग्राम पंचायतों में जो सबसे बड़ी है, उसके सरपंच को सभापति और वार्ड पंचों को वार्ड सदस्य माना गया है।
सरकार के एक निर्देश से राजस्थान के इन 40 जिलों का बदल जाएगा नक्शा
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